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19 जून 2025 का राशिफल: जानें किन राशियों को मिल सकता है धोखा

19 जून 2025 का राशिफल विभिन्न राशियों के लिए महत्वपूर्ण संकेत लेकर आया है। ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों के प्रभाव से कुछ राशियों को सावधान रहने की आवश्यकता है। जानें किन राशियों को धोखा मिल सकता है और अपने दिन को बेहतर बनाने के लिए क्या उपाय करें। इस दिन मानसिक तनाव और गलतफहमियों से बचने के लिए ध्यान और संयम की आवश्यकता है।
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19 जून 2025 का राशिफल: जानें किन राशियों को मिल सकता है धोखा

राशिफल का संक्षिप्त विवरण

दैनिक राशिफल: 19 जून 2025 को आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि सुबह 11:55 बजे तक रहेगी, इसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ होगी। उत्तरभाद्रपद नक्षत्र रात 11:17 बजे तक रहेगा, फिर रेवती नक्षत्र का आगमन होगा। आयुष्मान योग सुबह 5:24 बजे तक सक्रिय रहेगा, इसके बाद सौभाग्य योग का प्रभाव होगा। कौलव करण सुबह 11:55 बजे तक रहेगा, फिर तैतिल करण शाम 10:55 बजे तक और इसके बाद गर करण शुरू होगा।


ग्रहों की स्थिति

ग्रहों की स्थिति के अनुसार, चंद्रमा और शनि मीन राशि में स्थित रहेंगे। शुक्र मेष राशि में, जबकि मिथुन में सूर्य, बुध और गुरु का त्रिग्रही योग बनेगा। सिंह में मंगल और केतु, कुंभ में राहु उपस्थित रहेंगे। उत्तरभाद्रपद नक्षत्र की संयमित ऊर्जा और सौभाग्य योग कुछ राशियों के लिए दिन को सकारात्मक बनाएंगे, जबकि अन्य राशियों के लिए यह दिन चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आइए जानते हैं कि किन राशियों के लिए दिन कैसा रहेगा और इसे बेहतर बनाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?


वृषभ राशि

चंद्रमा और शनि का मीन में होना आपके 11वें भाव को प्रभावित करेगा, जिससे दोस्तों के साथ गलतफहमी या आय के स्रोतों में रुकावट आ सकती है। मंगल और केतु की युति आपके चौथे भाव में है, जो घरेलू सुख में कमी, मां के स्वास्थ्य की चिंता या प्रॉपर्टी से जुड़े मसलों में तनाव ला सकती है। उत्तरभाद्रपद नक्षत्र की ऊर्जा मानसिक भटकाव को बढ़ा सकती है। नवमी तिथि के प्रभाव से छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आने का जोखिम है। इस दिन बड़े निवेश या जोखिम भरे फैसले लेने से बचें और परिवार के साथ समय बिताएं।


उपाय: गाय को हरा चारा खिलाएं और गौशाला में दान करें।


कर्क राशि

चंद्रमा और शनि का मीन में होना आपके नवम भाव को प्रभावित करेगा, जिससे भाग्य संबंधी रुकावटें, लंबी यात्राओं में परेशानी या धार्मिक कार्यों में बाधा आ सकती है। मिथुन में सूर्य, बुध और गुरु की युति 12वें भाव में है, जो अनावश्यक खर्च, मानसिक तनाव या नींद में कमी ला सकती है। उत्तरभाद्रपद नक्षत्र और नवमी तिथि के प्रभाव से छोटी बातों को दिल से लगाने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है। इस दिन जल्दबाजी में कोई फैसला न लें। शांत रहकर ध्यान या मेडिटेशन करें।


उपाय: भगवान विष्णु को पीले फूल चढ़ाएं और तुलसी की माला से जाप करें।


वृश्चिक राशि

चंद्रमा और शनि का मीन में होना आपके पंचम भाव को प्रभावित करेगा, जिससे लव रिलेशनशिप में तनाव, पढ़ाई में फोकस की कमी या बच्चों से जुड़ी चिंताएं बढ़ सकती हैं। मंगल और केतु की युति दसवें भाव में है, जो करियर में रुकावटें, बॉस या सहकर्मियों के साथ गलतफहमी या प्रोजेक्ट्स में देरी ला सकती है। उत्तरभाद्रपद नक्षत्र मानसिक अस्थिरता को और बढ़ा सकता है। नवमी तिथि के कारण जल्दबाजी में लिए गए फैसले नुकसान दे सकते हैं। इस दिन धैर्य रखें और कोई नया काम शुरू करने से बचें।


उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान मंदिर में गुड़ चढ़ाएं।


कुंभ राशि

राहु का आपकी राशि में होना और चंद्रमा-शनि की मीन में युति आपके दूसरे भाव को प्रभावित करेगी। इससे फाइनेंशियल मामलों में रुकावट, बोलचाल में गलतफहमी या परिवार में तनाव हो सकता है। मंगल और केतु की युति सातवें भाव में है, जो जीवनसाथी या बिजनेस पार्टनर के साथ मतभेद या डील में देरी ला सकती है। उत्तरभाद्रपद नक्षत्र और नवमी तिथि छोटी-छोटी बातों पर तनाव बढ़ा सकते हैं। इस दिन मानसिक तनाव या सिरदर्द जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। शांत रहें और दूसरों की सलाह ले सकते हैं।


उपाय: शनि मंदिर में नीले फूल चढ़ाएं और जरूरतमंदों को काले तिल का दान करें।


मीन राशि

चंद्रमा और शनि का आपकी राशि में होना आपके पहले भाव को प्रभावित करेगा, जिससे मानसिक तनाव, थकान या सिरदर्द जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। मंगल और केतु की युति छठे भाव में है, जो शत्रुओं से तनाव, कोर्ट-कचहरी के मामलों में परेशानी या छोटी-मोटी चोट का जोखिम ला सकती है। उत्तरभाद्रपद और रेवती नक्षत्र भावनात्मक अस्थिरता बढ़ा सकते हैं। नवमी तिथि के प्रभाव से छोटी बातों को दिल से लगाने से बचें। इस दिन बहस या विवाद से दूर रहें और ध्यान करें।


उपाय: भगवान शिव को बेलपत्र अर्पित करें और शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।