25 जून 2025 का दैनिक राशिफल: जानें किन राशियों को रहना चाहिए सतर्क

दैनिक राशिफल
दैनिक राशिफल: 25 जून 2025 को आषाढ़ मास की अमावस्या शाम 4 बजे तक रहेगी, इसके बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी। सुबह 10:40 तक मृगशिरा नक्षत्र रहेगा, उसके बाद आर्द्रा नक्षत्र का प्रभाव होगा। करण की बात करें तो चतुष्पाद सुबह 5:28 तक, फिर नाग करण शाम 4 बजे तक, और इसके बाद किंस्तुघ्न करण रात तक रहेगा।
ग्रहों की स्थिति के अनुसार, चंद्रमा, सूर्य और गुरु मिथुन राशि में, शुक्र मेष में, बुध कर्क में, मंगल-केतु सिंह में, राहु कुंभ में और शनि मीन में होंगे। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, अमावस्या का दिन ऊर्जा के दृष्टिकोण से संवेदनशील होता है और ग्रह-नक्षत्रों की यह स्थिति कुछ राशियों के लिए चुनौतियां ला सकती है।
क्या है कारण?
अमावस्या का दिन चंद्रमा की ऊर्जा के कमजोर होने के कारण मानसिक और भावनात्मक रूप से संवेदनशील होता है। मृगशिरा नक्षत्र रचनात्मकता और खोज से जुड़ा है, जबकि आर्द्रा नक्षत्र अस्थिरता और परिवर्तन लाता है। चतुष्पाद और नाग करण स्थिरता की कमी और तनाव का संकेत दे सकते हैं, जबकि किंस्तुघ्न करण नकारात्मकता को कम करता है। ग्रहों की स्थिति में चंद्रमा-सूर्य-गुरु का मिथुन में योग विचारों और संचार को बढ़ाएगा, लेकिन मंगल-केतु का सिंह में होना आक्रामकता और राहु-कुंभ में अचानक बदलाव ला सकता है। शनि का मीन में होना अनुशासन और आध्यात्मिकता को प्रोत्साहित करेगा। आइए जानते हैं कि वे कौन सी राशियां हैं, जिनके लिए 25 जून का दिन अच्छा नहीं रहेगा और इसको अच्छा बनाने के लिए क्या उपाय करें?
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए चंद्रमा, सूर्य और गुरु पहले भाव में होने से मानसिक दबाव और आत्मविश्वास में कमी आ सकती है। अमावस्या के कारण आप चिंता या निर्णय लेने में उलझन महसूस कर सकते हैं। आर्द्रा नक्षत्र का प्रभाव दिन के दूसरे हिस्से में भावनात्मक अस्थिरता बढ़ाएगा, जिससे रिश्तों में तनाव या गलतफहमी हो सकती है। मंगल-केतु तीसरे भाव में होने से भाई-बहनों या दोस्तों के साथ तीखी बहस हो सकती है। यह दिन इसलिए मुश्किल होगा, क्योंकि पहले भाव में चंद्रमा-सूर्य का योग मानसिक दबाव देगा, और आर्द्रा नक्षत्र व राहु का प्रभाव अस्थिरता बढ़ाएगा।
उपाय: सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करें और लाल चंदन का तिलक लगाएं।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए मंगल और केतु पहले भाव में होंगे, जो गुस्सा, जल्दबाजी या जोखिम भरे फैसले लेने की प्रवृत्ति बढ़ा सकते हैं। चंद्रमा-सूर्य-गुरु 11वें भाव में होंगे, लेकिन अमावस्या के कारण दोस्तों या सहकर्मियों से अपेक्षित सपोर्ट नहीं मिलेगा। आर्द्रा नक्षत्र और नाग करण का प्रभाव दिन के दूसरे हिस्से में आर्थिक योजनाओं में रुकावट ला सकता है। यह दिन इसलिए चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि मंगल-केतु की आक्रामक ऊर्जा और अमावस्या का प्रभाव मानसिक और सामाजिक तनाव बढ़ाएगा।
उपाय: सुबह गाय को हरा चारा खिलाएं और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का 108 बार जप करें।
कन्या राशि
कन्या राशि वालों के लिए चंद्रमा-सूर्य-गुरु 10वें भाव में होंगे, जिससे काम में दबाव या बॉस के साथ तनाव हो सकता है। अमावस्या की कमजोर ऊर्जा और आर्द्रा नक्षत्र का प्रभाव निर्णय लेने में उलझन पैदा करेगा। मंगल-केतु 12वें भाव में होने से अनावश्यक खर्च या यात्रा में परेशानी हो सकती है।
उपाय: शनिवार को शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाएं और काले तिल दान करें।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए चंद्रमा-सूर्य-गुरु 9वें भाव में होंगे, लेकिन अमावस्या की कमजोर ऊर्जा के कारण भाग्य का साथ कम मिलेगा। आर्द्रा नक्षत्र और नाग करण यात्रा या शिक्षा से जुड़े कामों में रुकावट ला सकते हैं। मंगल-केतु 11वें भाव में होने से दोस्तों या सहकर्मियों के साथ गलतफहमी हो सकती है।
उपाय: सुबह मंदिर में गाय के घी का दीपक जलाएं और 'ॐ गुरवे नमः' का 108 बार जप करें।
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए चंद्रमा-सूर्य-गुरु 7वें भाव में रहेंगे, जिससे रिश्तों में तनाव या गलतफहमी हो सकती है। अमावस्या और आर्द्रा नक्षत्र का प्रभाव पार्टनर के साथ कम्युनिकेशन में अड़चन लाएगा। मंगल-केतु 9वें भाव में होने से यात्रा या धार्मिक कामों में रुकावट आ सकती है।
उपाय: सुबह विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और पीले फूल चढ़ाएं।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए शनि पहले भाव में और चंद्रमा-सूर्य-गुरु चौथे भाव में होंगे। अमावस्या के कारण पारिवारिक तनाव या घरेलू कामों में रुकावट हो सकती है। आर्द्रा नक्षत्र और मंगल-केतु छठे भाव में होने से स्वास्थ्य में छोटी-मोटी दिक्कत या विवाद की आशंका है।
उपाय: सुबह हनुमान मंदिर में लाल फूल चढ़ाएं और 'ॐ हं हनुमते नमः' का 108 बार जप करें।