31 मई 2025 का पंचांग: जानें शुभ मुहूर्त और राहु काल

आज का पंचांग
31 मई 2025 का पंचांग: आज ज्येष्ठ माह का उन्नीसवां दिन है और यह शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। दिन की लंबाई 13 घंटे 50 मिनट 14 सेकंड होगी, जबकि रात का समय 10 घंटे 9 मिनट 32 सेकंड रहेगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का समय है और सूर्य उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 31 मई के पंचांग के पांच अंगों की स्थिति क्या है? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ रहेगा और राहु काल का समय क्या है?
पंचांग के पांच अंग
पंचांग का विवरण
तिथि
आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है, जो 31 मई की 09:22 PM तक रहेगी। इसके बाद षष्ठी तिथि का आरंभ होगा।
पंचमी तिथि पूर्णा तिथि है, जिसके स्वामी नागदेव हैं और यह लक्ष्मीप्रद है। इसे शुभ मुहूर्तों में मान्यता प्राप्त है।
नक्षत्र
आज पुष्य नक्षत्र है, जो 31 मई की 09:07 PM तक रहेगा। यह एक शुभ नक्षत्र है। इसके बाद अश्लेषा नक्षत्र का आरंभ होगा, जो भी शुभ माना जाता है।
दिन/वार
दिन/वार: आज शनिवार है, जो बजरंग बली हनुमान जी और शनिदेव की पूजा का विशेष दिन है।
योग
आज वृद्धि योग है, जो 31 मई की 10:44 AM तक रहेगा। इसके बाद ध्रुव योग का आरंभ होगा।
आज रवि योग जैसे विशेष योग भी बन रहे हैं, जिससे यह दिन खास बन गया है।
करण
आज 08:42 AM तक बव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद बालव करण शुरू होगा, जो 31 मई की 11:18 PM तक रहेगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
सूर्य और चंद्र की स्थिति
आज के पंचांग के अनुसार, सूर्य वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जबकि चंद्रमा कर्क राशि में हैं।
शुभ-अशुभ काल
शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:02 AM से 04:43 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:23 AM से 05:24 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:51 AM से 12:47 PM
विजय मुहूर्त: 02:37 PM से 03:33 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:13 PM से 07:33 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:14 PM से 08:15 PM
अमृत काल: 02:49 PM से 04:23 PM
निशिता मुहूर्त: 11:59 PM से 12:39 AM, जून 01
अशुभ मुहूर्त
राहुकाल: आज राहु काल 08:51 AM से 10:35 AM तक रहेगा। इस समय में कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
यमगण्ड: 02:03 PM से 03:47 PM
गुलिक काल: 05:24 AM से 07:08 AM
गण्ड मूल: 09:07 PM से 05:24 AM, जून 01
दुर्मुहूर्त: 05:24 AM से 06:19 AM और 06:19 AM से 07:15 AM
विशेष पर्व और त्योहार
आज का महत्व
आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है और यह शनिवार है। यह दिन हिंदू धर्म में शनिदेव की पूजा के लिए महत्वपूर्ण है।
शनिवार का दिन बजरंगबली हनुमान जी की आराधना के लिए भी शुभ माना जाता है। हनुमान जी की भक्ति से शनि ग्रह के प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
यात्रा टिप्स:आज पूर्व दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक साधन है।
पंचांग के पांच अंग
पंचांग के पांच मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर कार्यों में सफलता की संभावना बढ़ती है।
वार:सप्ताह के दिनों का महत्व बताता है।
तिथि:चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना।
नक्षत्र:विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति।
योग:खगोलीय संयोगों का महत्व।
करण:आधे तिथि का सूचक।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व:हिंदू संस्कृति में शुभ कार्य पंचांग के अनुसार किए जाते हैं।
पंचांग की जीवन में भूमिका:यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को सुदृढ़ करता है।