6 जुलाई 2025 का राशिफल: जानें किन राशियों को मिल सकती हैं चुनौतियाँ

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण दिन
दैनिक राशिफल: 6 जुलाई 2025 का दिन ज्योतिष के अनुसार विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालेगी। एकादशी तिथि रात 9:14 बजे तक रहेगी, इसके बाद द्वादशी तिथि प्रारंभ होगी। विशाखा नक्षत्र रात 10:42 बजे तक रहेगा, इसके बाद अनुराधा नक्षत्र का प्रभाव होगा। साध्य योग रात 9:27 बजे तक रहेगा, फिर शुभ योग का आरंभ होगा। वणिज करण सुबह 8:08 बजे तक, उसके बाद विष्टि करण (भद्रा) रात 9:14 बजे तक रहेगा, और फिर बव करण का प्रभाव होगा। ग्रहों की स्थिति के अनुसार, चंद्रमा शाम 4:01 बजे तुला से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। शुक्र वृषभ में, सूर्य और गुरु मिथुन में, मंगल और केतु सिंह में, बुध कर्क में, राहु कुंभ में, और शनि मीन राशि में रहेंगे।
चंद्रमा का वृश्चिक राशि में प्रवेश
इस दिन की ज्योतिषीय स्थिति के अनुसार, चंद्रमा का वृश्चिक राशि में प्रवेश कुछ राशियों के लिए मानसिक तनाव और निर्णय लेने में कठिनाई का कारण बन सकता है। विशाखा नक्षत्र, जो गुरु द्वारा शासित है, और साध्य योग सामान्यतः शुभ माने जाते हैं, लेकिन चंद्रमा की नीच स्थिति और मंगल-केतु की युति कुछ राशियों के लिए चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकती है। मंगल और केतु की युति सिंह राशि में होने से उग्रता और जल्दबाजी बढ़ सकती है, जिससे कुछ राशियों को सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। आइए जानते हैं कि 6 जुलाई का दिन किन राशियों के लिए अनुकूल नहीं रहेगा और इस दिन क्या उपाय किए जा सकते हैं?
मिथुन राशि
जब चंद्रमा तुला से वृश्चिक में जाएंगे, तो यह मिथुन राशि वालों के पांचवे भाव को प्रभावित करेगा। वृश्चिक में चंद्रमा नीच हो जाते हैं, जिससे मन में बेचैनी और भावनात्मक उलझन हो सकती है। सूर्य और गुरु का आपके लग्न भाव में होना आत्मविश्वास बढ़ाएगा, लेकिन मंगल और केतु की युति तीसरे भाव में होने से जल्दबाजी में लिए गए निर्णय नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस दिन मिथुन वालों को काम में रुकावटें आ सकती हैं, और दोस्तों या परिवार के साथ तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। लव रिलेशनशिप्स में भी गलतफहमी हो सकती है। इस दिन धैर्य बनाए रखें और जल्दबाजी से बचें।
उपाय:
हनुमान चालीसा का पाठ करें और लाल चंदन का टीका लगाएं।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के चौथे भाव को चंद्रमा प्रभावित करेगा। यह भाव घर, माता और मानसिक शांति से जुड़ा है। चंद्रमा का वृश्चिक राशि में नीच होना भावनात्मक अशांति और बेचैनी ला सकता है। बुध का कर्क राशि में होना बातचीत में तेजी लाएगा, लेकिन इससे वाणी में तीखापन या गलतफहमी हो सकती है। मंगल और केतु की युति दूसरे भाव में होने से बोलचाल में सावधानी बरतनी होगी, वरना रिश्तों में खटास आ सकती है। इस दिन कर्क राशि वालों को माता के स्वास्थ्य, घरेलू माहौल या पैसों से जुड़ी कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
उपाय:
चंद्रमा को शांत करने के लिए दूध और चावल की खीर का दान करें और ‘ॐ सों सोमाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
तुला राशि
तुला राशि के लिए चंद्रमा लग्न भाव में रहेंगे और फिर दूसरे भाव में चले जाएंगे। चंद्रमा का नीच राशि में प्रवेश आत्मविश्वास में कमी और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। शुक्र का वृषभ राशि में होना स्वास्थ्य और अप्रत्याशित खर्चों का संकेत दे सकता है। मंगल और केतु की युति 11वें भाव में होने से दोस्तों या सोशल ग्रुप्स में गलतफहमी हो सकती है। तुला राशि वालों को इस दिन सेहत, पैसों और रिश्तों में सावधानी रखनी होगी। छोटी यात्राओं में भी रुकावटें आ सकती हैं।
उपाय:
तुलसी के पौधे को जल चढ़ाएं और भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें।
महत्वपूर्ण सूचना
यहां दी गई जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए प्रस्तुत की गई है।