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ICRISAT का नया कृषि सहयोग केंद्र: विकासशील देशों के लिए एक नई पहल

हैदराबाद स्थित ICRISAT ने विकासशील देशों के लिए एक नया कृषि सहयोग केंद्र स्थापित किया है। यह पहल कृषि अनुसंधान, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और ज्ञान साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी। केंद्र का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करना और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह विकासशील देशों को एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने और कृषि नवाचारों को अपनाने में मदद करेगा, जिससे ग्रामीण समुदायों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
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ICRISAT का नया कृषि सहयोग केंद्र: विकासशील देशों के लिए एक नई पहल

ICRISAT का कृषि सहयोग केंद्र

हैदराबाद में स्थित अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) ने विकासशील देशों के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसे 'ग्लोबल साउथ' के नाम से जाना जाता है। इस संस्थान ने कृषि क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष 'कृषि सहयोग केंद्र' की स्थापना की है।
इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य ग्लोबल साउथ के देशों के बीच कृषि अनुसंधान, प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान और ज्ञान साझा करना है। यह पहल जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने, फसलों की उत्पादकता में सुधार और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने में सहायक होगी।
ICRISAT, जो अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की फसलों पर ध्यान केंद्रित करता है, इस केंद्र के माध्यम से इन देशों को एक मंच प्रदान करेगा, जिससे वे अपनी साझा कृषि समस्याओं का समाधान खोज सकें। यह आपसी सहयोग और साझेदारी के माध्यम से कृषि विकास को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस केंद्र की स्थापना से ग्लोबल साउथ के देशों को एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने और कृषि क्षेत्र में नवाचारों को अपनाने में मदद मिलेगी, जिससे उनके ग्रामीण समुदायों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकेगा।