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WHO की नई अपील: तंबाकू, शराब और मीठे पेय पर टैक्स बढ़ाने की सिफारिश

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तंबाकू, शराब और मीठे पेय पदार्थों पर टैक्स बढ़ाने की अपील की है, जिसका उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करना है। इस कदम से इन उत्पादों की कीमतें 50 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं, जिससे उनकी खपत में कमी आएगी। WHO का मानना है कि इससे कैंसर, हृदय रोग और मोटापे जैसी बीमारियों के मामलों में कमी आएगी। जानें इस नीति के आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी लाभों के बारे में।
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WHO की नई अपील: तंबाकू, शराब और मीठे पेय पर टैक्स बढ़ाने की सिफारिश

WHO की वैश्विक अपील

WHO की अपील: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में सभी देशों से एक महत्वपूर्ण अपील की है। यह अपील करोड़ों लोगों की जीवनशैली और आर्थिक स्थिति पर प्रभाव डाल सकती है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी प्रयास किया जा रहा है। इस अपील में तंबाकू, शराब और मीठे पेय पदार्थों पर टैक्स बढ़ाने की सिफारिश की गई है, जिससे इनकी कीमतें 50 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं।


इस फैसले का उद्देश्य

WHO का यह निर्णय केवल राजस्व बढ़ाने के लिए नहीं है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य में सुधार लाना है। संगठन का मानना है कि इन उत्पादों की खपत में पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि हुई है, जिससे कैंसर, हृदय रोग और मोटापे जैसी बीमारियों के मामले बढ़े हैं।


इनकी खपत को नियंत्रित करने के लिए टैक्स लगाना एक प्रभावी उपाय हो सकता है। इस कदम से देशों को यह संदेश दिया जा सकेगा कि उनकी आदतें उनके स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही हैं।


आर्थिक लाभ

आर्थिक दृष्टिकोण से, जिन देशों में इन उत्पादों का अधिक सेवन होता है, वहां कीमतों में वृद्धि से लोगों की खरीदारी पर नियंत्रण होगा। इससे बीमारियों का जोखिम कम होगा और चिकित्सा पर होने वाले खर्च में भी कमी आएगी।


बीमारियों की रोकथाम

तंबाकू, शराब और मीठे पेय का लगातार सेवन कैंसर, डायबिटीज और मोटापे जैसी बीमारियों को बढ़ावा देता है। ये जीवनशैली से संबंधित बीमारियां हैं, जिनका मुख्य कारण इन खाद्य पदार्थों का अनियंत्रित सेवन है।


लाभ

इस पहल को '3 बाय 35' कहा जा रहा है, जिससे कई लाभ होंगे, जैसे:



  • स्वास्थ्य कर को नियंत्रित करना।

  • उद्योगों से संबंधित करों में छूट।

  • सामाजिक विकास और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना।