अंक शास्त्र: जानें किन तिथियों पर जन्मे लोग होते हैं सीधे और स्पष्ट

अंक ज्योतिष शास्त्र की विशेषताएँ
Ank Jyotish Shastra: हर व्यक्ति की बातचीत करने की शैली भिन्न होती है। कुछ लोग अपनी बातों को घुमा-फिराकर कहते हैं, जबकि अन्य सीधे और स्पष्ट रूप से अपनी बात रखते हैं। ऐसे लोग जो दिखावा और चापलूसी से दूर रहते हैं, अक्सर अपनी भावनाओं को सरल शब्दों में व्यक्त करते हैं। हालांकि, यह भी देखा गया है कि ऐसे लोग अक्सर अकेले रह जाते हैं और उनके पास ज्यादा दोस्त नहीं होते। वे अपनी भावनाओं को साझा करने में संकोच करते हैं, जिससे लोग उनसे दूर हो जाते हैं।
अंक शास्त्र के अनुसार स्वभाव
आज हम अंक शास्त्र के माध्यम से उन तिथियों के बारे में चर्चा करेंगे, जिन पर जन्मे व्यक्तियों को घुमा-फिराकर बात करने में कठिनाई होती है। अंक शास्त्र के अनुसार, जन्म तिथि से व्यक्ति के स्वभाव के बारे में कई बातें पता चल सकती हैं, जैसे उनकी विशेषताएँ और कमजोरियाँ।
अकेलापन और मूलांक 4
अकेलापन हो जाता है हावी
वैदिक अंक शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों का जन्म किसी भी महीने की 13, 31, 4 या 22 तारीख को हुआ है, उनका मूलांक 4 होता है। ये लोग अपनी भावनाओं को सीधे व्यक्त करते हैं, जिससे लोग उन्हें घमंडी समझ सकते हैं और दोस्ती करने में हिचकिचाते हैं। मूलांक 4 वाले लोग अक्सर अकेले रहते हैं, और उनका स्वभाव कई बार उन्हें दूसरों से दूर कर देता है।
मूलांक 4 का स्वामी ग्रह
मूलांक 4 वालों का स्वामी कौन-सा ग्रह है?
मूलांक 4 वालों का स्वामी ग्रह राहु है, जो बुद्धि, धन, और साहस का प्रतीक है। यदि राहु की स्थिति कुंडली में मजबूत होती है, तो ये लोग अपनी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं। लेकिन जब राहु की स्थिति खराब होती है, तो ये गलत संगत में फंस सकते हैं और नकारात्मकता का सामना कर सकते हैं।
लकी कलर और करियर विकल्प
मूलांक 4 वालों का लकी कलर और करियर क्या है?
मूलांक 4 वाले लोगों के लिए नीला, ग्रे और क्रीम रंग शुभ माने जाते हैं। ये लोग खुद का व्यवसाय करने में सफल हो सकते हैं और इंजीनियरिंग, राजनीति, या पायलट के रूप में करियर चुन सकते हैं।