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अहंकार: आत्मविनाश की ओर ले जाने वाला एक मानसिक विकार

अहंकार एक ऐसा मानसिक विकार है जो व्यक्ति को आत्मविनाश की ओर ले जा सकता है। यह व्यक्ति की सोच, व्यवहार और संबंधों को प्रभावित करता है। अहंकार से ग्रसित लोग खुद को दूसरों से श्रेष्ठ समझते हैं और आलोचना सहन नहीं कर पाते। इस लेख में हम जानेंगे कि किस प्रकार के लोग अधिक अहंकारी होते हैं, उनके लक्षण क्या होते हैं और अहंकार से बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
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अहंकार: आत्मविनाश की ओर ले जाने वाला एक मानसिक विकार

अहंकार का प्रभाव


अहंकार एक ऐसा मानसिक भाव है जो किसी व्यक्ति को आत्मविनाश की ओर अग्रसर कर सकता है। यह एक सूक्ष्म मानसिक विकार की तरह कार्य करता है, जो धीरे-धीरे व्यक्ति की सोच, व्यवहार और संबंधों को प्रभावित करता है। आमतौर पर, अहंकारी व्यक्ति खुद को दूसरों से बेहतर समझता है और यह मानता है कि वह हर स्थिति में सही है। यह प्रवृत्ति न केवल व्यक्ति को समाज से अलग कर देती है, बल्कि उसकी आंतरिक शांति और मानसिक संतुलन को भी नष्ट कर देती है।


अहंकार के प्रकार



किस प्रकार के लोग अधिक अहंकारी होते हैं?


अहंकार किसी विशेष वर्ग, शिक्षा, आयु या सामाजिक स्तर से संबंधित नहीं है, लेकिन कुछ विशेष प्रवृत्तियों वाले व्यक्तियों में यह अधिक देखने को मिलता है। आइए जानते हैं कौन से लोग अधिक अहंकार से ग्रसित होते हैं:


अहंकार के लक्षण

अति-प्रशंसा पाने वाले लोग


जो लोग बचपन से या किसी विशेष सामाजिक या पारिवारिक स्थिति के कारण हमेशा प्रशंसा के घेरे में रहते हैं, उनके भीतर धीरे-धीरे 'मैं श्रेष्ठ हूं' की भावना विकसित होती है। यह भावना समय के साथ अहंकार में बदल जाती है।


अत्यधिक सफल और प्रसिद्ध लोग


कुछ लोग जब करियर, धन या सामाजिक प्रतिष्ठा के शिखर पर पहुंचते हैं, तो उन्हें लगता है कि उन्होंने सब कुछ अपनी मेहनत से प्राप्त किया है और अब उन्हें किसी की आवश्यकता नहीं। यह आत्मगौरव धीरे-धीरे अहंकार का रूप ले लेता है।


धनवान व्यक्ति


चाणक्य के अनुसार, अत्यधिक धनवान लोग अक्सर अहंकार से भर जाते हैं। उन्हें लगता है कि उनका पैसा ही सब कुछ है और वे दूसरों से श्रेष्ठ हैं।


शक्ति संपन्न व्यक्ति


जो लोग शक्ति और अधिकार के पदों पर होते हैं, जैसे राजा, मंत्री या अधिकारी, उनमें अहंकार जल्दी आता है।


ज्ञान या शक्ति का भ्रम पालने वाले व्यक्ति


जिन लोगों को लगता है कि उन्हें हर विषय का ज्ञान है या वे सत्ता में हैं, वे अक्सर दूसरों को कमतर आंकते हैं।


धार्मिक या आध्यात्मिक स्थिति का दुरुपयोग करने वाले


कुछ लोग जब धर्म, योग या अध्यात्म की साधना करते हैं, तो वे खुद को साधारण जनों से श्रेष्ठ मानने लगते हैं।


अहंकारी व्यक्ति की पहचान

हमेशा खुद की बातों को सही ठहराना


अहंकारी व्यक्ति कभी यह नहीं मानता कि वह गलत हो सकता है।


दूसरों को नीचा दिखाना


ऐसे व्यक्ति अपने व्यवहार या शब्दों से दूसरों को तुच्छ सिद्ध करने की कोशिश करते हैं।


आलोचना से चिढ़ना


अहंकारी लोग आलोचना को सहन नहीं कर पाते।


सुनने की क्षमता की कमी


ये लोग केवल बोलना चाहते हैं, लेकिन सुनना नहीं।


हमेशा ध्यान का केंद्र बने रहना


अहंकारी व्यक्ति को यह बर्दाश्त नहीं होता कि कोई और सुर्खियों में हो।


अहंकार से बचने के उपाय

अहंकार से कैसे बचा जाए?


अहंकार से बचने के लिए आत्मचिंतन और विनम्रता जरूरी है। दूसरों की बातों को सुनना, उनकी भावनाओं का सम्मान करना और अपनी गलतियों को स्वीकार करना एक संतुलित व्यक्ति की पहचान होती है।