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ऑनलाइन गेमिंग के खतरे: बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता

लखनऊ में एक 13 वर्षीय बच्चे की आत्महत्या ने ऑनलाइन गेमिंग के खतरों को उजागर किया है। माता-पिता की अनदेखी और बच्चों की बढ़ती निर्भरता पर चर्चा करते हुए, यह लेख बताता है कि कैसे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। जानें कि माता-पिता को अपने बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान क्यों देना चाहिए और उन्हें किस प्रकार की सावधानी बरतनी चाहिए।
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ऑनलाइन गेमिंग के खतरे: बच्चों की सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता

बदलते समय में बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियाँ

लखनऊ: समय के साथ समाज में लोगों के जीवनशैली में बदलाव आ रहा है, जहां लोग फोन के प्रति अधिक निर्भर होते जा रहे हैं। यह निर्भरता न केवल बातचीत बल्कि मनोरंजन और अन्य आवश्यकताओं के लिए भी बढ़ती जा रही है। इसका सबसे गंभीर असर बच्चों पर पड़ रहा है, जो बाहरी गतिविधियों के बजाय फोन पर अधिक समय बिता रहे हैं। इस आदत के कारण वे अपने माता-पिता से दूर होते जा रहे हैं और अपनी समस्याओं को साझा करने से कतराते हैं, जिसका परिणाम उनके परिवारों को भुगतना पड़ता है।


बच्चों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाएँ

हाल के वर्षों में कम उम्र के बच्चों द्वारा आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिनमें अधिकांश किशोरावस्था में हैं। यह वह समय होता है जब बच्चों का व्यक्तित्व निर्माण शुरू होता है। इस दौरान माता-पिता की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। उनकी अनदेखी या लापरवाही बच्चों को उनसे दूर कर सकती है। हाल ही में लखनऊ में 13 वर्षीय यश की आत्महत्या की घटना ने इस समस्या को उजागर किया है। यश ने अपने पिता के 14 लाख रुपये ऑनलाइन गेमिंग में खोने के बाद यह कदम उठाया। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उसके परिवार को इस बात का पता ही नहीं चला कि वह ऑनलाइन गेमिंग के जाल में फंस चुका था।


परिवार की अनदेखी का परिणाम

यश के परिवार का कहना है कि वह कुछ दिनों से सही से बात नहीं कर रहा था, लेकिन उनके बदले व्यवहार को समझ नहीं सके। यश के पिता सुरेश ने कहा कि पैसे तो आते-जाते रहते हैं, लेकिन बेटा अब कभी वापस नहीं आएगा। यह घटना एक परिवार के लिए अत्यंत दुखद है। यह उन माता-पिता के लिए एक सबक है जो अपने बच्चों पर ध्यान नहीं देते। उन्हें यह जानने का समय नहीं मिलता कि उनके बच्चे क्या कर रहे हैं, उनके फोन में क्या है, और उनकी दोस्ती किसके साथ है। इन सवालों की गंभीरता को समझना आवश्यक है ताकि माता-पिता अपने बच्चों की समस्याओं को समझ सकें।


बच्चों की निगरानी का महत्व

जासूसी न करें, पर निगरानी रखें

अधिकतर लोग बच्चों की जिद पर उन्हें फोन दे देते हैं, लेकिन इसके बाद कभी यह नहीं देखते कि बच्चा फोन का उपयोग कैसे कर रहा है। अधिकांश बच्चे फोन का इस्तेमाल सोशल मीडिया या गेमिंग के लिए करते हैं। ऑनलाइन गेमिंग में बच्चों द्वारा माता-पिता की कमाई गंवाने के कई मामले सामने आए हैं। इसके बावजूद, लोग बच्चों से सवाल करने या उनके फोन की जांच करने की बजाय उन्हें स्वतंत्रता देते हैं। यह बच्चों की जासूसी नहीं है, बल्कि उन्हें किसी भी खतरे से बचाने के लिए सावधानी बरतना है।