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काल भैरव जयंती: जानें किस चीज का भोग लगाएं

काल भैरव जयंती, जो हर साल मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है, भगवान काल भैरव के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। इस दिन विशेष भोग अर्पित करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और जीवन में बाधाएं दूर होती हैं। जानें इस जयंती पर किस चीज का भोग लगाना चाहिए और इसका महत्व क्या है।
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काल भैरव जयंती: जानें किस चीज का भोग लगाएं

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भगवान काल भैरव का महत्व
भगवान काल भैरव को शिव जी का उग्र रूप माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, मार्गशीर्ष (अगहन) मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को इनकी उत्पत्ति हुई थी। हर साल इस दिन काल भैरव जयंती मनाई जाती है, जो भय और नकारात्मक शक्तियों पर विजय का प्रतीक है।


इस दिन विशेष भोग अर्पित करने से भगवान काल भैरव प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं, जिससे जीवन में बाधाएं दूर होती हैं।


काल भैरव जयंती कब है?

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 11 नवंबर 2025, मंगलवार को सुबह 11:08 बजे शुरू होगी और 12 नवंबर 2025, बुधवार को सुबह 10:58 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, काल भैरव जयंती का पर्व 12 नवंबर को मनाया जाएगा।


भगवान काल भैरव को भोग में क्या लगाएं?


  • इमरती: भगवान काल भैरव को इमरती बहुत प्रिय है। इसे अर्पित करने से घर में सुख और समृद्धि आती है।

  • दही-बड़ा: यह तामसिक आहार माना जाता है। इसका भोग लगाने से काल भैरव की उग्र ऊर्जा शांत होती है।

  • काले तिल से बनी चीजें: गजक, रेवड़ी या तिल लड्डू का भोग लगाने से शनि ग्रह से जुड़े कष्ट दूर होते हैं।

  • शराब: काल भैरव को मदिरा का भोग अर्पित करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

  • उड़द की खिचड़ी: इस दिन उड़द की खिचड़ी का भोग लगाने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।