कुरुक्षेत्र में 10वां अंतरराष्ट्रीय गीता सम्मेलन: वैश्विक मंच पर गीता का संदेश
कुरुक्षेत्र में गीता महोत्सव 2025
कुरुक्षेत्र (Gita Jayanti 2025)। भगवद्गीता के अमिट संदेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाने के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 24 से 26 नवंबर तक 10वां अंतरराष्ट्रीय गीता सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सहयोग से होगा, जिसमें 16 देशों के 25 अंतरराष्ट्रीय वक्ता श्रीमद्भगवद्गीता के सिद्धांतों पर चर्चा करेंगे।
सम्मेलन का विषय और उद्देश्य
Gita Jayanti 2025: श्रीमद्भगवद्गीतोक्त स्वधर्म
सम्मेलन का मुख्य विषय 'श्रीमद्भगवद्गीतोक्त स्वधर्म: कर्तव्यनिष्ठा, शांति और सद्भावना' रखा गया है। इस विषय पर देश-विदेश के विद्वान, शोधकर्ता और अध्यात्म चिंतक गहन विचार-विमर्श करेंगे। सम्मेलन में किरगिस्तान, अमेरिका, श्रीलंका, यूनाइटेड किंगडम, पोलैंड सहित 16 देशों के वक्ता शामिल होंगे।
सम्मेलन की तैयारी और गतिविधियाँ
कुछ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय वक्ता सम्मेलन में भाग लेने के लिए लगातार संपर्क में हैं। कार्यक्रम निदेशक प्रो. मंजुला चौधरी ने बताया कि यह आयोजन न केवल शैक्षणिक विमर्श होगा, बल्कि भारतीय संस्कृति, दर्शन और विश्व शांति के संदेश को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी है।
सम्मेलन निदेशक प्रो. तेजेंद्र शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय के 15 विभागों द्वारा कुल 13 तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें गीता दर्शन, कर्मयोग, प्रबंधन, विज्ञान, शिक्षा, पर्यावरण और वैश्विक शांति जैसे विविध विषयों पर चर्चा होगी।
प्रत्येक सत्र में शोध प्रस्तुतियां, चर्चा और संवाद के माध्यम से गीता के व्यावहारिक, दार्शनिक और वैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डाला जाएगा। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं में गीता के प्रति गहरी रुचि है, जिसके चलते वे सम्मेलन में भाग लेने के लिए लगातार संपर्क कर रहे हैं।
आकर्षण का केंद्र बनेगा आयोजन
आकर्षण का केंद्र बनेगा आयोजन
सम्मेलन में यूआईईटी के छात्र गीता पर आधारित प्रदर्शनी आयोजित करेंगे, जबकि शोधार्थियों और छात्रों द्वारा पोस्टर प्रस्तुतियां भी की जाएंगी। युवाओं को गीता दर्शन, वैज्ञानिक चिंतन और नवाचार से जोड़ने के लिए सेल्फी प्वाइंट्स भी स्थापित किए जाएंगे। यह प्रयास युवाओं को गीता के ज्ञान से जोड़ने के लिए किया जा रहा है।
विदेश मंत्रालय की भूमिका
विदेश मंत्रालय निभा रहा विशेष भूमिका
इस बार विदेश मंत्रालय इस सम्मेलन में विशेष रूप से सक्रिय भूमिका निभा रहा है। प्रो. तेजेंद्र ने बताया कि मंत्रालय का उद्देश्य गीता के सार्वभौमिक संदेश को अधिक से अधिक देशों तक पहुंचाना है। सम्मेलन के दौरान वक्ताओं के विचारों की रिकॉर्डिंग, विशेष वीडियो कैप्सूल और सोशल मीडिया रील्स तैयार की जाएंगी, ताकि गीता ज्ञान को आधुनिक माध्यमों से जन-जन तक पहुंचाया जा सके।
