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कुरुक्षेत्र में मधुमेह के मामलों में वृद्धि: जागरूकता और जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता

कुरुक्षेत्र में मधुमेह के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिसमें जागरूकता और जीवनशैली में बदलाव महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। हाल के आंकड़ों के अनुसार, जिले में 18881 लोग मधुमेह से प्रभावित हैं। विशेष रूप से महिलाएं इस बीमारी की चपेट में आ रही हैं। जानें कैसे लोग अपनी दिनचर्या में सुधार कर इस बीमारी को नियंत्रित कर रहे हैं और क्या हैं स्वास्थ्य मानक।
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कुरुक्षेत्र में मधुमेह के मामलों में वृद्धि: जागरूकता और जीवनशैली में बदलाव की आवश्यकता

मधुमेह की बढ़ती समस्या

कुरुक्षेत्र (Diabetes Cases in Kurukshetra): मधुमेह एक ऐसी स्थिति है, जिसे नियमित जांच, उचित दवा और स्वस्थ जीवनशैली के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। यह एक जीवनशैली से संबंधित शारीरिक विकार है, जिसे पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता। हाल के समय में, लोग मधुमेह के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं और पहचान होने पर अपनी दिनचर्या में सुधार कर रहे हैं।


जिले में मधुमेह के मामलों की संख्या

पिछले छह महीनों में, जिले में 18881 व्यक्तियों में मधुमेह का पता चला है। यह आंकड़ा लोगों की जागरूकता का परिणाम है, क्योंकि अब लोग इस बीमारी को गंभीरता से ले रहे हैं। पहले, जांच न कराने के कारण कई लोग तीसरी या चौथी स्टेज में जाकर ही अपनी स्थिति को समझ पाते थे, जिससे उनका स्वास्थ्य काफी प्रभावित हो जाता था।


जोया की कहानी

13 वर्षीय जोया को इंसुलिन की आवश्यकता


ज्योतिसर की 13 वर्षीय जोया मधुमेह से ग्रसित हैं। उनकी शुगर का स्तर 435 से 500 के बीच रहता है, जिसके लिए उन्हें दिन में तीन बार इंसुलिन लेना पड़ता है।


स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता

जगदीश का फलाहार


कौल के निवासी जगदीश ने बताया कि वह हमेशा से अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहे हैं। 2022 में उन्होंने अन्न का सेवन छोड़ दिया और फलाहार पर चले गए। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान में खाद्य पदार्थों में मिलावट का कारोबार बढ़ रहा है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। वहीं, स्याना सैयदा के 65 वर्षीय श्रवण कुमार ने अपनी दिनचर्या में बदलाव कर तीन महीने में अपनी शुगर को 200 से 235 से घटाकर 108 तक लाने में सफलता पाई है।


महिलाओं पर अधिक प्रभाव

महिलाएं अधिक प्रभावित


एनसीडी कॉर्नर के काउंसलर मलकीत सिंह, अंजू बाला और जसपाल ने बताया कि बीपी और शुगर की समस्या महिलाओं में अधिक देखी जा रही है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह महीनों में 879 पुरुषों और 1110 महिलाओं में ये समस्याएं पाई गई हैं।


स्वास्थ्य मानक

जानने योग्य बातें


खाली पेट शुगर: 80 -130 मिलीग्राम प्रति डेसिलीटर।


खाने के 2 घंटे बाद: 140-180 मिलीग्राम प्रति डेसिलीटर।


एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल): 100 से कम।


उच्च रक्तचाप: 130/80 से कम।


विशेषज्ञों का मानना है कि बिगड़ी दिनचर्या और भागदौड़ भरे जीवनशैली के कारण मधुमेह के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिले में मधुमेह के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिसमें युवा और बच्चे भी शामिल हैं। सरकारी अस्पतालों में 55608 मरीजों का इलाज चल रहा है।