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कैथल में पराली जलाने के मामले बढ़े, प्रशासन ने की कार्रवाई

कैथल में पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिसके चलते प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। अब तक 23 स्थानों पर पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं और सात किसानों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए गए हैं। कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे पराली जलाने के बजाय उसे खेत में मिलाएं। जानें इस मुद्दे पर और क्या कदम उठाए जा रहे हैं और किसानों को क्या सलाह दी जा रही है।
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कैथल में पराली जलाने के मामले बढ़े, प्रशासन ने की कार्रवाई

कैथल में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि

कैथल (कैथल में पराली जलाने के मामले बढ़े)। पराली जलाने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब तक 23 स्थानों पर पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। पुलिस ने सात किसानों के खिलाफ विभिन्न थानों में मामले दर्ज किए हैं। मंगलवार को कृषि विभाग को एक नई लोकेशन मिली है। पिछले साल की तुलना में, 4 नवंबर तक 158 लोकेशन पर पराली जलाने की घटनाएं हुई थीं, जबकि पूरे सीजन में यह संख्या 194 थी। पिछले साल 50 किसानों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन इस बार अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।


कैथल: धान का हब

कैथल को धान का प्रमुख क्षेत्र माना जाता है, जहां लगभग 4.5 लाख एकड़ में धान की खेती की गई है। कृषि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी खेतों का निरीक्षण कर रहे हैं। पराली जलाने से न केवल पर्यावरण को नुकसान होता है, बल्कि यह मिट्टी की सेहत को भी प्रभावित करता है। जलने से ऑर्गेनिक कार्बन और पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, जो मिट्टी में वापस जाने चाहिए थे। इससे पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ता है, जो मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।


किसान के खिलाफ मामला दर्ज

धान अवशेषों में आग लगाने का मामला

कलायत पुलिस ने गांव कुराड के एक किसान के खिलाफ धान अवशेषों में आग लगाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। कृषि विभाग के एडीओ नरेश जैन ने पुलिस को शिकायत दी थी कि 1 नवंबर को बलजीत नामक किसान ने धान अवशेषों में आग लगाई। जब टीम मौके पर पहुंची, तो आग लगाने की सूचना सही पाई गई। हेड कांस्टेबल वजीर सिंह ने बलजीत के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।


नोडल अधिकारियों की नियुक्ति

पराली प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त

पराली प्रबंधन के लिए प्रशासन ने हर गांव में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है, जो किसानों से संपर्क कर पराली के प्रबंधन में मदद कर रहे हैं। अब तक 10 लाख मीट्रिक टन पराली का प्रबंधन किया जा चुका है। पटवारी, कृषि विभाग के उपमंडल अधिकारी और ब्लॉक ऑफिसर भी इस कार्य में लगे हुए हैं। गांव-गांव जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।


किसानों के लिए सलाह

सहायक कृषि अभियंता जगदीश मलिक ने बताया कि अब तक 23 लोकेशन पर पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं और सात किसानों पर मामला दर्ज किया गया है। किसानों से अपील की गई है कि वे पराली जलाने के बजाय उसे खेत में मिलाएं और सुपर सीडर या बेलर का उपयोग करें। यदि किसी को पराली उठाने में समस्या हो रही है, तो वे कृषि विभाग कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।