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गूगल का नया एआई मॉडल: साइन लैंग्वेज को टेक्स्ट में बदलने की क्षमता

गूगल ने अपने नवीनतम AI मॉडल SignGemma की घोषणा की है, जो साइन लैंग्वेज को टेक्स्ट में बदलने की क्षमता रखता है। यह तकनीक विशेष रूप से मूक-बधिर और श्रवण बाधित व्यक्तियों के लिए संचार को सरल और समावेशी बनाने में मदद करेगी। गूगल का यह कदम दिव्यांगजनों के लिए नई संभावनाएं खोलने का वादा करता है। जानें इस तकनीक के बारे में और कैसे यह मूक-बधिर समुदाय को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होगी।
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गूगल का नया एआई मॉडल: साइन लैंग्वेज को टेक्स्ट में बदलने की क्षमता

मूक-बधिर समुदाय के लिए एक नई उम्मीद


गूगल ने पेश किया नया एआई मॉडल
गूगल ने हाल ही में एक नया एआई मॉडल पेश किया है, जो साइन लैंग्वेज को टेक्स्ट में परिवर्तित करने की क्षमता रखता है। यह तकनीक विशेष रूप से मूक-बधिर और श्रवण बाधित व्यक्तियों के लिए संचार को सरल और समावेशी बनाने में सहायक होगी। गूगल ने अपने वार्षिक इवेंट Google I/O 2025 में इस मॉडल, जिसका नाम SignGemma है, की घोषणा की।


साइन लैंग्वेज का सबसे उन्नत मॉडल

गूगल के अनुसार, SignGemma अब तक का सबसे उन्नत साइन लैंग्वेज समझने वाला मॉडल है। इसे एक ओपन मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे डेवलपर्स और शोधकर्ता इसमें योगदान कर सकें। Gemma के प्रोडक्ट मैनेजर गस मार्टिन्स ने बताया कि यह मॉडल विभिन्न प्रकार की साइन लैंग्वेज को समझने में सक्षम है, लेकिन वर्तमान में यह अमेरिकी साइन लैंग्वेज (ASL) और अंग्रेजी के साथ सबसे अच्छा प्रदर्शन करता है।


दिव्यांगजनों के लिए आत्मनिर्भरता का मार्ग

गस मार्टिन्स ने कहा कि SignGemma को सटीक और तात्कालिक अनुवाद के लिए डिज़ाइन किया गया है। हमें उम्मीद है कि यह तकनीक मूक-बधिर समुदाय के लिए नई संभावनाएं खोलेगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी। DeepMind ने X (पूर्व ट्विटर) पर एक आधिकारिक पोस्ट में कहा कि वे SignGemma के लॉन्च की घोषणा करते हुए उत्साहित हैं। यह तकनीक दुनिया भर के मूक-बधिर समुदायों की आवश्यकताओं और सुझावों से प्रेरित होकर विकसित की गई है।