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चंद्र ग्रहण: चंद्र दोष से मुक्ति के उपाय और धार्मिक महत्व

चंद्र ग्रहण का आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व है, विशेषकर उन लोगों के लिए जिनकी कुंडली में चंद्रमा दोष है। इस लेख में चंद्र ग्रहण के दौरान अपनाई जाने वाली सावधानियों, दान के महत्व और मानसिक शांति प्राप्त करने के उपायों के बारे में जानकारी दी गई है। जानें कैसे चंद्र ग्रहण एक अनोखा अवसर बन सकता है चंद्र दोष से मुक्ति पाने के लिए।
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चंद्र ग्रहण: चंद्र दोष से मुक्ति के उपाय और धार्मिक महत्व

चंद्र ग्रहण का आध्यात्मिक प्रभाव

रांची - चंद्र ग्रहण का हमारे जीवन पर गहरा आध्यात्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव होता है। यह विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है जिनकी कुंडली में चंद्रमा दोष विद्यमान है। ज्योतिष में चंद्रमा को मन, भावनाओं और मानसिक स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। जब चंद्रमा कमजोर होता है या पाप ग्रहों से प्रभावित होता है, तो व्यक्ति को मानसिक तनाव, अस्थिरता, नींद की समस्याएं और पारिवारिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।


ग्रहण के दौरान सावधानियाँ

चंद्र ग्रहण इस दोष से राहत पाने का एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है। रांची के बड़ा हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी श्यामानंद पांडे ने चंद्र ग्रहण से संबंधित सावधानियों और धार्मिक नियमों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सूतक काल शुरू होने से पहले भोजन करना आवश्यक है। हालांकि, वृद्ध और बीमार व्यक्तियों को शास्त्रों के अनुसार साढ़े छह बजे तक भोजन करने की अनुमति है। गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से सलाह दी गई है कि वे चंद्र ग्रहण के समय घर से बाहर न निकलें, क्योंकि यह समय संवेदनशील होता है।


ग्रहण का प्रभाव और उपाय

पुजारी ने बताया कि ग्रहण का प्रभाव हर व्यक्ति पर भिन्न हो सकता है। कुछ लोगों पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जबकि दूसरों पर नकारात्मक। लेकिन भगवान के मंत्रों का जाप करने से नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है। साधु-संत इस समय का विशेष रूप से इंतजार करते हैं, क्योंकि ग्रहण के दौरान की गई पूजा, ध्यान और हवन का फल विशेष होता है। इस दौरान भगवान की मूर्तियों और तस्वीरों को छूना वर्जित होता है, क्योंकि वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है।


दान और मानसिक शांति

यदि किसी की कुंडली में चंद्रमा दोष है, तो इस दौरान सफेद वस्तुओं का दान करना लाभकारी होता है। इसमें चावल, चीनी, दूध, दही और चांदी जैसी वस्तुएं शामिल हैं। इन वस्तुओं को पहले से निकालकर रखना चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद दान करना चाहिए। इससे चंद्र दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है। पुजारी श्यामानंद पांडे के अनुसार, चंद्र ग्रहण भले ही कुछ घंटों का हो, लेकिन इसके प्रभाव लंबे समय तक रह सकते हैं। इसलिए यह समय चंद्र दोष को दूर करने का एक अनोखा अवसर हो सकता है। भगवान के नाम का स्मरण, मंत्र जाप, दान और संयम ही इस समय को शुभ बना सकते हैं।