जन्माष्टमी 2025: जानें आज का पंचांग और पूजा विधि

जन्माष्टमी का पर्व
Aaj Ka Panchang: आज, 16 अगस्त 2025, को पूरे भारत में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव जन्माष्टमी धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है और भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस खास दिन पर पूजा, भजन-कीर्तन, रात्रि जागरण और झांकी का आयोजन किया जाता है।
आज का पंचांग
आज का पंचांग
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तिथि: भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी, समाप्त – रात 9:34 बजे तक
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योग: वृद्धि योग – सुबह 7:21 बजे तक, ध्रुव योग – 17 अगस्त प्रातः 4:28 बजे तक
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करण: बालव – सुबह 10:41 बजे तक, कौलव – रात 9:34 बजे तक
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वार: शनिवार
सूर्योदय और चंद्रोदय का समय
सूर्योदय, सूर्यास्त और चंद्रोदय का समय
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सूर्योदय: प्रातः 5:51 बजे
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सूर्यास्त: शाम 6:59 बजे
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चंद्रोदय: रात 11:32 बजे
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चंद्रास्त: दोपहर 1:02 बजे
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सूर्य राशि: कर्क
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चंद्र राशि: मेष
शुभ और अशुभ समय
शुभ और अशुभ समय
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अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:59 से 12:51 बजे तक
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अमृत काल: रात 2:23 बजे से 3:53 बजे तक (17 अगस्त)
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राहुकाल: सुबह 9:08 से 10:47 बजे तक
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गुलिक काल: सुबह 5:51 से 7:29 बजे तक
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यमगंड काल: दोपहर 2:04 से 3:42 बजे तक
आज का नक्षत्र
आज का नक्षत्र- भरणी नक्षत्र
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समाप्ति: प्रातः 6:06 बजे तक
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स्वामी ग्रह: शुक्र
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देवता: यमराज
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प्रतीक: योनि (प्रजनन शक्ति का प्रतीक)
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राशि स्वामी: मंगल
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विशेषताएं: सिद्धांतप्रिय, अनुशासित, गंभीर, जिम्मेदार और परिश्रमी, लेकिन कभी-कभी निराशाजनक एवं नियंत्रित स्वभाव भी.
जन्माष्टमी पूजा विधि
आज का व्रत और त्योहार
जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी को मनाया जाता है। यह दिन भक्तों के लिए अत्यंत आनंददायी और पवित्र माना जाता है। इस दिन भक्तगण व्रत रखते हैं, मंदिरों में श्रीकृष्ण की मूर्तियों का श्रृंगार किया जाता है और रात्रि जागरण के साथ भजन-कीर्तन किए जाते हैं.
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अष्टमी तिथि प्रारंभ: 15 अगस्त रात 11:49 बजे से
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अष्टमी तिथि समाप्ति: 16 अगस्त रात 9:34 बजे तक
जन्माष्टमी पूजा विधि
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घर और पूजा स्थल को साफ करके फूलों व रंगोली से सजाएं.
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श्रीकृष्ण जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
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ध्यानपूर्वक ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें.
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भगवान को मिश्री, दूध, फल और अन्य भोग अर्पित करें.
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मध्यरात्रि को भजन, कीर्तन और आरती करें.
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व्रत रखें और रात्रि जागरण के दौरान श्रीकृष्ण कथाएं सुनें.
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पूजा समाप्ति के बाद प्रसाद का वितरण करें.