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तेलंगाना में वैदिक शिक्षा के लिए नया विद्यालय स्थापित

तेलंगाना के यादगिरिगुट्टा में एक नया वैदिक विद्यालय स्थापित किया गया है, जिसका उद्देश्य प्राचीन भारतीय ज्ञान और संस्कृति को संरक्षित करना है। यह विद्यालय छात्रों को वेदों और अन्य संस्कृत ग्रंथों का गहन अध्ययन करने का अवसर प्रदान करेगा। इसके साथ ही, परिसर में यज्ञशाला, ध्यान केंद्र और गोशाला भी बनाई जाएगी, जो भारतीय संस्कृति के महत्व को दर्शाएगी। यह परियोजना सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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तेलंगाना में वैदिक शिक्षा के लिए नया विद्यालय स्थापित

यादगिरिगुट्टा में वैदिक विद्यालय का शुभारंभ

तेलंगाना के यादगिरिगुट्टा में श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के निकट एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और शैक्षिक परियोजना का आरंभ किया गया है। मंदिर विकास प्राधिकरण (YTDA) के उपाध्यक्ष जी. किशन राव ने 'श्री लक्ष्मी नरसिम्हा संस्कृत वैदिक विद्यालयम्' के निर्माण की शुरुआत की है। यह विद्यालय वैदिक ज्ञान के संरक्षण में सहायक होगा और छात्रों को प्राचीन शास्त्रों और अनुष्ठानों का गहन अध्ययन करने का अवसर प्रदान करेगा।


यह महत्वाकांक्षी परियोजना लगभग 3.32 एकड़ भूमि पर, लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत से, 'पवित्र स्थलम्' नामक एक विशाल धार्मिक परिसर के भीतर स्थापित की जाएगी। इस वैदिक विद्यालय के साथ-साथ, परिसर में एक बड़ा यज्ञशाला, ध्यान केंद्र और गोशाला भी बनाई जाएगी। यज्ञशाला में विभिन्न वैदिक अनुष्ठान और यज्ञ संपन्न किए जाएंगे, जबकि ध्यान केंद्र आगंतुकों को शांति से ध्यान करने का अवसर देगा। गोशाला भारतीय संस्कृति में गायों के महत्व को दर्शाएगी और उनकी देखभाल सुनिश्चित करेगी।


इस पहल का मुख्य उद्देश्य वैदिक परंपराओं को पुनर्जीवित करना और अगली पीढ़ियों तक पहुंचाना है। विद्यालय में छात्रों को वेदों, उपनिषदों, पुराणों और अन्य संस्कृत ग्रंथों का गहन अध्ययन कराया जाएगा। यह न केवल धार्मिक शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि भारतीय ज्ञान प्रणाली के प्रति जागरूकता और सम्मान भी बढ़ाएगा। YTDA द्वारा उठाया गया यह कदम यादगिरिगुट्टा को एक प्रमुख तीर्थ स्थल और महत्वपूर्ण आध्यात्मिक एवं शैक्षिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और प्राचीन भारतीय ज्ञान के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।