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दलाई लामा का 90वां जन्मदिन: शांति और करुणा के प्रतीक को मिली वैश्विक शुभकामनाएं

तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा आज अपने 90वें जन्मदिन का जश्न मना रहे हैं। इस अवसर पर उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित कई वैश्विक नेताओं से शुभकामनाएं मिली हैं। दलाई लामा की शिक्षाएं शांति और करुणा का प्रतीक हैं, और वे आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं। जानें उनके जीवन, विरासत और धर्मशाला में आयोजित समारोह के बारे में।
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दलाई लामा का 90वां जन्मदिन: शांति और करुणा के प्रतीक को मिली वैश्विक शुभकामनाएं

दलाई लामा का 90वां जन्मदिन

Dalai Lama, 90th Birthday: तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा आज अपने 90वें जन्मदिन का जश्न मना रहे हैं। इस खास मौके पर दुनिया भर से उन्हें शुभकामनाएं और सम्मान मिल रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने उन्हें वैश्विक शांति और करुणा का प्रतीक मानते हुए उनकी विरासत की सराहना की। दलाई लामा, जो दशकों से शांति, अहिंसा और मानवता का संदेश फैलाते आ रहे हैं, आज अपने जन्मदिन को सादगी से मनाएंगे। धर्मशाला में उनके निवास पर एक छोटे समारोह का आयोजन किया गया है, जहां उनके समर्थक और करीबी लोग उनकी लंबी उम्र और स्वास्थ्य की कामना कर रहे हैं। उनकी शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं।


वैश्विक नेताओं की शुभकामनाएं

वैश्विक नेताओं की शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलाई लामा को 'शांति का प्रतीक' बताते हुए कहा, "दलाई लामा जी का जीवन करुणा, अहिंसा और मानवता की सेवा का अद्वितीय उदाहरण है। उनके 90वें जन्मदिन पर मैं उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।" पीएम मोदी ने यह भी कहा कि दलाई लामा की शिक्षाएं विश्व में शांति और एकता को बढ़ावा देती हैं। वहीं, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने भी उन्हें जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि दलाई लामा 'शांति का प्रतीक' हैं।


दलाई लामा का जीवन और विरासत

दलाई लामा का जीवन और विरासत

दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई 1935 को तिब्बत के तक्त्सेर गांव में हुआ था। वे 1950 से तिब्बती बौद्ध धर्म के 14वें दलाई लामा के रूप में आध्यात्मिक नेता हैं। उन्होंने अपने जीवन में न केवल तिब्बत की स्वायत्तता के लिए शांतिपूर्ण संघर्ष किया, बल्कि वैश्विक स्तर पर शांति और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर भी अपनी आवाज उठाई। 1989 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो उनकी अहिंसक दृष्टिकोण की वैश्विक मान्यता का प्रतीक है।


धर्मशाला में जन्मदिन की तैयारी

धर्मशाला में जन्मदिन की तैयारी

धर्मशाला, जहां दलाई लामा 1959 से रह रहे हैं, उनके जन्मदिन के अवसर पर विशेष प्रार्थनाएं और आयोजन की तैयारियां की गई हैं। तिब्बती समुदाय और उनके प्रशंसक ने उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की है। समारोह में स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय प्रशंसक शामिल हुए, जो उनकी शिक्षाओं से प्रेरित हैं।