दिल्ली बाढ़ अपडेट: यमुना का जलस्तर घटा, लेकिन खतरा अभी भी बना हुआ है

दिल्ली बाढ़ की स्थिति
दिल्ली बाढ़ अपडेट: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन बाढ़ का खतरा अभी भी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। रविवार सुबह 7 बजे तक यमुना का जलस्तर 205.59 मीटर दर्ज किया गया, जो अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है। हालांकि, जलस्तर में लगातार गिरावट से राजधानी में राहत की उम्मीद जगी है।
जल निकासी की स्थिति
हथिनी कुंड बैराज से 51,857 क्यूसेक, वजीराबाद बैराज से 73,280 क्यूसेक और ओखला बैराज से 1,48,868 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। पानी के डिस्चार्ज में कमी आई है, जिससे जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन नदी किनारे बसे निचले इलाकों में हालात गंभीर बने हुए हैं।
मॉनेस्ट्री इलाके की स्थिति
मॉनेस्ट्री इलाके की स्थिति
मयूर विहार फेज-1 में बनाए गए राहत कैंपों तक भी पानी पहुंच चुका है, जिससे यहां शरण लिए हुए लोगों की दिक्कतें और बढ़ गई हैं। मॉनेस्ट्री इलाके की स्थिति सबसे अधिक खराब बताई जा रही है। यहां घरों और गलियों में पानी भरा हुआ है और राहत पहुंचाने के लिए नावों का सहारा लेना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों की दिनचर्या पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुकी है।
रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी
रेस्क्यू ऑपरेशन तेज
प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिए हैं। बचाव दल लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में जुटे हैं। अब तक सैकड़ों लोगों को राहत कैंपों में शिफ्ट किया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सतर्क रहें। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जलस्तर में गिरावट का सिलसिला जारी रहा तो कुछ दिनों में हालात सामान्य हो सकते हैं। हालांकि फिलहाल जलस्तर इतना नहीं घटा है कि खतरा पूरी तरह खत्म माना जाए। यमुना के आसपास की बस्तियों में पानी भर जाने से लोग अब भी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। दिल्ली के कई हिस्सों में घरों, गलियों और घाटों में पानी घुसा हुआ है। लोगों को पीने के पानी और रोजमर्रा की जरूरतों के सामान तक की परेशानी उठानी पड़ रही है.
भोजन और स्वास्थ्य सुविधाएं
भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था
राहत शिविरों में भोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन प्रभावित परिवार जल्द से जल्द सामान्य जीवन की उम्मीद कर रहे हैं। दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटने से लोगों को राहत की किरण दिखी है, मगर खतरा अब भी सिर पर मंडरा रहा है। प्रशासन और बचाव दल लगातार प्रयासरत हैं कि बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित रखा जा सके और नुकसान को कम किया जा सके.