नवग्रहों के मंत्र: जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए विशेष जाप
इस लेख में नवग्रहों के विशेष मंत्र और उनके बीज मंत्रों के बारे में जानकारी दी गई है। जानें कैसे इन मंत्रों का जाप करके आप अपने जीवन में सकारात्मकता और संतुलन ला सकते हैं। हर ग्रह के लिए विशेष मंत्रों का उल्लेख किया गया है, जो मानसिक शांति और ऊर्जा को संतुलित करने में सहायक होते हैं।
Aug 27, 2025, 11:56 IST
| 
नवग्रहों की विशेषता और मंत्र
वैदिक ज्योतिष में नवग्रहों का महत्व अत्यधिक है। इन ग्रहों की कृपा पाने के लिए मंत्रों और बीज मंत्रों का जाप करना बेहद प्रभावी माना जाता है। हर ग्रह हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है। जब किसी ग्रह की स्थिति कमजोर होती है, तो उसके मंत्रों का जाप करके उसके शुभ प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है। ये मंत्र न केवल मानसिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा को संतुलित करके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी लाते हैं।
इस लेख में, हम आपको नवग्रहों के विशेष मंत्र और उनके बीज मंत्रों के बारे में जानकारी देंगे। आप इनका नियमित और श्रद्धापूर्वक जाप करके अपने जीवन को सुखद और संतुलित बना सकते हैं।
हर ग्रह के लिए विशेष मंत्र
सूर्य देव का मंत्र और बीज मंत्र
सूर्य के लिए मंत्र- 'ॐ सूर्याय नमः'
सूर्य के लिए बीज मंत्र- 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः'
चंद्र देव का मंत्र और बीज मंत्र
चंद्र देव के लिए मंत्र- 'ॐ चंद्राय नमः'
चंद्र देव के लिए बीज मंत्र- 'ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्राय नमः'
मंगल देव का मंत्र और बीज मंत्र
मंगल देव के लिए मंत्र- 'ॐ भौमाय नमः'
मंगल देव के लिए बीज मंत्र- 'ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः'
बुध देव का मंत्र और बीज मंत्र
बुध देव के लिए मंत्र- 'ॐ बुधाय नमः'
बुध देव के लिए बीज मंत्र- 'ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः'
गुरु बृहस्पति का मंत्र और बीज मंत्र
गुरु बृहस्पति के लिए मंत्र- 'ॐ गुरवे नमः'
गुरु बृहस्पति के लिए बीज मंत्र- 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः'
शुक्र देव का मंत्र और बीज मंत्र
शुक्र देव के लिए मंत्र- 'ॐ शुक्राय नमः'
शुक्र देव के लिए बीज मंत्र- 'ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः'
शनि देव का मंत्र और बीज मंत्र
शनि देव के लिए मंत्र- 'ॐ शनैश्चराय नमः'
शनि देव के लिए बीज मंत्र- 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः'
राहु देव का मंत्र और बीज मंत्र
राहु देव के लिए मंत्र- 'ॐ राहवे नमः'
राहु देव के लिए बीज मंत्र- 'ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः'
केतु देव का मंत्र और बीज मंत्र
केतु देव के लिए मंत्र- 'ॐ केत्वे नमः'
केतु देव के लिए बीज मंत्र- 'ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केत्वे नमः'
समापन
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि नवग्रहों के ये मंत्र केवल शब्द नहीं हैं, बल्कि आत्मा की गहराई से निकली पुकार हैं। जब इन मंत्रों का उच्चारण श्रद्धा के साथ किया जाता है, तो यह हमारे भीतर की ऊर्जा को जागृत करते हैं और ब्रह्मांड की शक्ति से हमारे संबंध को और मजबूत बनाते हैं। ये ग्रह हमें दिशा और शिक्षा प्रदान करते हैं, और मंत्र उस शिक्षा को समझने का माध्यम हैं।