नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना का महत्व

मां ब्रह्मचारिणी की उपासना
नवरात्रि का दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी: सनातन धर्म में भक्ति के माध्यम से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन की कामना की जाती है। जब हम अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं और धार्मिक ग्रंथों के निर्देशों का अनुसरण करते हैं, तो हमें सफलता की प्राप्ति होती है। नवरात्रि के इस पावन पर्व पर, मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की उपासना का महत्व है। उनकी पूजा से ज्ञान, तप, त्याग, वैराग्य और सदाचार के गुण विकसित होते हैं। यह उपासना जीवन के कठिन संघर्षों में हमें लक्ष्य पर केंद्रित रहने की प्रेरणा देती है और निराशा को दूर रखती है। इससे हमें सच्चा ज्ञान और सफलता प्राप्त होती है।
शास्त्रों में कहा गया है कि मां ब्रह्मचारिणी की उपासना से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं और सुख-शांति का संचार होता है।
मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र
मान्यता के अनुसार, देवी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः” का जप करना चाहिए। इस मंत्र का जप करते समय सफेद पुष्प और अक्षत अपने हाथ में रखें। मंत्र जप के बाद इन्हें देवी के चरणों में अर्पित करें। इसके बाद मां की विशेष आरती करें और पूजा में हुई भूल के लिए क्षमा मांगें तथा पूरे परिवार के लिए आशीर्वाद प्राप्त करें।
देवी ब्रह्मचारिणी का मंत्र
दधाना करपद्माभ्याम्, अक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि, ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।