नवरात्रि में दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ: विधि और लाभ
नवरात्रि के पावन अवसर पर मां दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। इस दौरान दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ करने से भक्तों को अनेक लाभ मिलते हैं। जानें इस पाठ की विधि और इसके लाभ, जैसे आर्थिक समस्याओं से मुक्ति, पारिवारिक शांति, और भाग्य में वृद्धि। इस लेख में हम विस्तार से बताएंगे कि कैसे आप इस पवित्र पाठ को कर सकते हैं और इसके क्या लाभ हैं।
Sep 12, 2025, 12:46 IST
| 
नवरात्रि का महत्व
नवरात्रि के पावन अवसर पर मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। इस समय मां अपने भक्तों के सबसे करीब होती हैं और उनके दुखों को दूर करती हैं। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। हालांकि, मां दुर्गा की पूजा किसी भी समय की जा सकती है। दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ विशेष महत्व रखता है, और इसे नवरात्रि में करना शुभ माना जाता है।
दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ कैसे करें
दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ आरंभ करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर एक शांत और स्वच्छ स्थान चुनें। चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें। अपने बैठने के लिए कुशा का आसन लें। मां दुर्गा का स्मरण करते हुए उनके सामने घी का दीपक जलाएं और उन्हें फूल, अक्षत, और नैवेद्य अर्पित करें।
इसके बाद, दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ करने का संकल्प लें। ध्यान केंद्रित करते हुए पाठ शुरू करें, और उच्चारण स्पष्ट रखें। पाठ समाप्त होने पर मां दुर्गा की आरती करें और किसी भी भूल के लिए क्षमा मांगें।
दुर्गा सहस्त्रनामावली के लाभ
दुर्गा सहस्त्रनामावली का नियमित पाठ करने से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है। यह पाठ व्यापार में वृद्धि और आर्थिक स्थिरता लाता है।
यह पाठ भूत-प्रेत और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है, जिससे जातक के चारों ओर एक दिव्य सुरक्षा कवच बनता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
इस स्त्रोत का पाठ पारिवारिक प्रेम और शांति को बढ़ावा देता है, जिससे कलह और मनमुटाव दूर होते हैं।
दुर्गा सहस्त्रनामावली का पाठ करने से शत्रुओं का नाश होता है और जातक सुरक्षित महसूस करता है।
इसके नियमित पाठ से जातक के भाग्य में वृद्धि होती है और जीवन में नई सफलताएं प्राप्त होती हैं।
यदि दंपत्तियों के बीच तनाव है, तो उन्हें इसका पाठ करना चाहिए, जिससे उनके बीच प्रेम और समझ बढ़ती है।