नीम करोली बाबा: कैसे महान संत ने स्टीव जॉब्स से लेकर जूलिया रॉबर्ट्स तक को किया प्रभावित?
नीम करोली बाबा का जीवन और शिक्षाएं
नई दिल्ली: नीम करोली बाबा एक अद्वितीय संत थे, जिन्होंने अपने सरल और प्रेमपूर्ण जीवन के माध्यम से अनगिनत लोगों को प्रेरित किया। उन्हें हनुमान जी का अवतार माना जाता है, और उनका जीवन पूरी तरह से दूसरों की भलाई और ईश्वर की भक्ति में समर्पित रहा। बाबा का मानना था कि असली खुशी वर्तमान में जीने, सेवा करने और प्रेम बांटने में है। उत्तराखंड के कैंची धाम में स्थित उनका आश्रम आज भी भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक केंद्र बना हुआ है।
नीम करोली बाबा की शिक्षाएं न केवल आम लोगों को प्रभावित करती हैं, बल्कि कई प्रसिद्ध हस्तियों के जीवन को भी नई दिशा देती हैं। उनके उपदेशों ने इन हस्तियों के दृष्टिकोण और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए। आइए जानते हैं कि बाबा से मिलने के बाद इन लोगों की जिंदगी में क्या परिवर्तन आया।
स्टीव जॉब्स और नीम करोली बाबा
एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स ने 1974 में पहली बार नीम करोली बाबा के दर्शन किए। बाबा की सादगी और जीवनशैली ने जॉब्स को गहराई से प्रभावित किया। बाद में, एप्पल के डिजाइन और कार्यशैली में इसी सादगी का प्रभाव देखा गया। जॉब्स ने कहा कि बाबा की ऊर्जा और उपदेशों ने उनके दृष्टिकोण को पूरी तरह बदल दिया।
मार्क जकरबर्ग और करुणा की सीख
फेसबुक के CEO मार्क जकरबर्ग ने 2015 में नीम करोली बाबा के आश्रम का दौरा किया। वहां उन्होंने करुणा और मानव सेवा के महत्व को समझा। बाबा के उपदेशों से प्रेरित होकर, जकरबर्ग ने जरूरतमंदों के लिए अरबों रुपये दान करने का निर्णय लिया। उन्होंने स्वीकार किया कि बाबा के संदेश ने उन्हें समाज के प्रति जिम्मेदार बनाया।
जूलिया रॉबर्ट्स और आध्यात्मिक परिवर्तन
हॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स ने 1990 में नीम करोली बाबा से मिलने का अनुभव किया। बाबा की करुणा और प्रेममयी शिक्षाओं ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया। जूलिया ने बाद में हिंदू धर्म अपनाया और उसके सिद्धांतों को अपने जीवन में उतारा। उन्होंने कई इंटरव्यू में बताया कि बाबा की सीख ने उन्हें मानसिक शांति और संतुलन की शिक्षा दी।
विराट कोहली का अनुभव
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली ने 2018 में बाबा के आश्रम का दौरा किया। बाबा के उपदेशों और आश्रम की आध्यात्मिक ऊर्जा ने कोहली पर गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने बताया कि बाबा की शिक्षाओं ने उन्हें एकाग्रता और संतुलन की शक्ति दी, जिससे उनके खेल में आत्मविश्वास और प्रदर्शन में सुधार हुआ।
राम दास और आध्यात्मिक गुरु बनने की प्रेरणा
अमेरिका के आध्यात्मिक गुरु राम दास ने 1960 में बाबा के दर्शन किए। बाबा के विचारों ने उनके जीवन की दिशा बदल दी। राम दास ने बाद में एक बड़े आध्यात्मिक शिक्षक के रूप में पहचान बनाई और बाबा के उपदेशों पर आधारित कई पुस्तकें लिखीं।
डेनियल गोलमैन और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण
लेखक और मनोवैज्ञानिक डेनियल गोलमैन ने 1970 में बाबा से मिलने का अनुभव किया। बाबा के प्रेम और करुणा से जुड़े उपदेशों ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया। इस अनुभव का असर उनकी सोच और लेखन में स्पष्ट दिखाई देता है। उन्होंने भावनात्मक बुद्धिमत्ता पर कई पुस्तकें लिखीं, जो आधुनिक मनोविज्ञान की दिशा को भी प्रभावित करती हैं।
