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पितृपक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के उपाय

पितृपक्ष का महीना पितरों को याद करने और उन्हें प्रसन्न करने का समय है। इस लेख में पितरों को तृप्त करने के लिए आवश्यक उपायों का वर्णन किया गया है। जानें कैसे श्राद्ध, तर्पण और तुलसी के उपायों से आप अपने पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं। यह जानकारी न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि आपके परिवार में सकारात्मक ऊर्जा लाने में भी सहायक है।
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पितृपक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के उपाय

पितृपक्ष में पितरों का तृप्त होना आवश्यक


पितृपक्ष का महीना आरंभ हो चुका है। इस अवधि में पितरों को याद किया जाता है और उनके लिए पिंडदान किया जाता है। यह क्रिया पितरों को प्रसन्न करती है और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करती है। पितृपक्ष में पितरों का तृप्त होना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यदि वे तृप्त नहीं होते हैं, तो वे आशीर्वाद नहीं दे पाते। इसलिए इस समय पितरों की तिथि पर श्राद्ध का आयोजन किया जाता है। आइए जानते हैं कि पितृपक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए।


पितरों को प्रसन्न करने के उपाय


  • पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध के साथ तर्पण और पिंडदान करें। सच्ची श्रद्धा से की गई पूजा से पितृ प्रसन्न होते हैं।

  • पूजा के दौरान जो भोजन आपने पांच जीवों के लिए निकाला है, उसे पूजा के बाद इन जीवों को खिलाना चाहिए।

  • देवता, पीपल, गाय, कुत्ता और कौवे को अन्न और जल देने से पितृ प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही मछलियों और चींटियों को भी अन्न देना चाहिए।

  • पितृपक्ष में ब्राह्मण को भोज कराने का विशेष महत्व है। उन्हें सम्मानपूर्वक आमंत्रित करें और भोजन के साथ दक्षिणा भी दें। ब्राह्मणों को भोजन कराने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

  • पितृपक्ष के दौरान अपने द्वार पर पितरों के लिए दीपक जलाना न भूलें। दीपक को दक्षिण दिशा में जलाना चाहिए। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं।

  • घर में सात्विक भोजन बनाएं और उसका सेवन करें, मांस और मदिरा से दूर रहें।


तुलसी से संबंधित उपाय

शिव पुराण के अनुसार, श्राद्ध पक्ष में घर का कोई भी सदस्य तुलसी से संबंधित उपाय कर सकता है। पितृ पक्ष के दौरान तुलसी के पास एक कटोरी रखें और उसमें गंगाजल डालें।


गंगाजल डालते समय 5 से 7 बार पितरों का नाम लें और भगवान भोले का ध्यान करते हुए इस पानी को घर के चारों ओर छिड़कें। बचे हुए पानी को तुलसी में डालें। ऐसा करने से तर्पण के समान फल प्राप्त होता है।


घर से नकारात्मक ऊर्जा का नाश

यह उपाय न केवल नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है, बल्कि पिंडदान और तर्पण के समान फल भी देता है। तुलसी का यह उपाय पितृ पक्ष की अवधि में एकादशी और रविवार को छोड़कर कभी भी किया जा सकता है।