भारत ने दलाई लामा के मुद्दे पर स्पष्ट किया अपना रुख

भारत का आधिकारिक बयान
नई दिल्ली - तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रमुख आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के हालिया बयानों के संदर्भ में भारत ने स्पष्ट किया है कि वह आस्था से जुड़े मामलों पर कोई आधिकारिक रुख नहीं अपनाता। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को दलाई लामा और उनके उत्तराधिकारी से संबंधित विवाद पर अपना आधिकारिक बयान जारी किया।
भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह आस्था और धर्म से संबंधित मान्यताओं और प्रथाओं पर टिप्पणी नहीं करता। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दलाई लामा से जुड़े मीडिया प्रश्नों के उत्तर में कहा, 'हमने दलाई लामा संस्था की निरंतरता के बारे में उनके द्वारा दिए गए बयानों से संबंधित रिपोर्ट देखी हैं। भारत सरकार आस्था और धर्म से जुड़े मामलों पर कोई रुख नहीं अपनाती है और इस पर टिप्पणी नहीं करती है। सरकार ने हमेशा भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को बनाए रखा है और ऐसा करना जारी रखेगी।'
इससे पहले, अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा था कि दलाई लामा के अनुयायी चाहते हैं कि तिब्बती आध्यात्मिक नेता स्वयं अपने उत्तराधिकारी का चयन करें। रिजिजू ने स्पष्ट किया कि वह भारत सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं और न ही चीन द्वारा दिए गए बयानों पर कोई राय व्यक्त कर रहे हैं।
रिजिजू ने कहा, 'दलाई लामा मुद्दे पर किसी भ्रम की आवश्यकता नहीं है। बौद्ध धर्म के अनुयायी और दलाई लामा के समर्थक सभी चाहते हैं कि उत्तराधिकार का निर्णय वही करें। मुझे या सरकार को इस पर कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है। अगला दलाई लामा कौन होगा, इसका निर्णय वही करेंगे।' इस पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है और भारत से तिब्बत से संबंधित मुद्दों पर सावधानी बरतने की अपील की है, ताकि द्विपक्षीय संबंधों में सुधार पर इसका नकारात्मक प्रभाव न पड़े।