माघ मास का महत्व: जानें कल्पवास की परंपरा और स्नान तिथियां
माघ मास का आध्यात्मिक महत्व
नई दिल्ली: हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास को अत्यधिक पुण्यदायी और आध्यात्मिक साधना का सर्वोत्तम समय माना जाता है। शास्त्रों और पुराणों में कहा गया है कि इस महीने में किए गए जप, तप, स्नान और दान का फल कभी समाप्त नहीं होता। यही कारण है कि इस समय में श्रद्धालु प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए आते हैं।
कल्पवास की परंपरा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ मास में कल्पवास की परंपरा का विशेष महत्व है। दृक पंचांग के अनुसार, वर्ष 2026 में माघ मास की शुरुआत 4 जनवरी से होगी, जबकि कल्पवास पौष पूर्णिमा से शुरू होकर माघ पूर्णिमा तक चलेगा।
कल्पवास क्या है?
‘कल्प’ का अर्थ है निश्चित समय और ‘वास’ का मतलब निवास करना। आध्यात्मिक दृष्टि से, कल्पवास वह साधना है जिसमें व्यक्ति सांसारिक सुखों और भोग-विलास से दूर रहकर ईश्वर की भक्ति में लीन रहता है। इसे गृहस्थ जीवन से वैराग्य की ओर बढ़ने का अभ्यास माना जाता है। परंपरागत रूप से, कल्पवास पौष पूर्णिमा से माघ पूर्णिमा तक किया जाता है, लेकिन श्रद्धालु अपनी श्रद्धा के अनुसार 5, 11 या 21 दिनों का संकल्प भी ले सकते हैं।
कल्पवास के नियम और विधि
कल्पवास केवल गंगा तट पर निवास करना नहीं है, बल्कि यह कठोर आध्यात्मिक अनुशासन का पालन करना भी है। कल्पवासी नदी किनारे फूस की कुटिया में रहते हैं और दिन में केवल एक बार सात्विक भोजन करते हैं। प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में तीन बार गंगा स्नान कर विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है।
जीवनशैली और आचार
कल्पवासी भूमि पर सोते हैं और मन, वचन और कर्म से ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं। नशा, क्रोध, झूठ और कटु वाणी का त्याग किया जाता है। कुटिया में तुलसी का पौधा लगाकर नियमित पूजन किया जाता है। पूरा समय भजन-कीर्तन, संतों के सत्संग और धार्मिक ग्रंथों के पाठ में व्यतीत किया जाता है। कल्पवास की समाप्ति पर सत्यनारायण भगवान की कथा, ब्राह्मण भोज और दान करना शुभ माना जाता है।
माघ स्नान की प्रमुख तिथियां
पहला स्नान: पौष पूर्णिमा – 3 जनवरी 2026
दूसरा स्नान: मकर संक्रांति – 15 जनवरी 2026
तीसरा स्नान: मौनी अमावस्या – 18 जनवरी 2026
चौथा स्नान: माघ पूर्णिमा – 1 फरवरी 2026
कल्पवास की अवधि
शास्त्रों के अनुसार, वर्ष 2026 में कल्पवास की शुरुआत 3 जनवरी से होगी और इसका समापन 1 फरवरी 2026 को माघ पूर्णिमा के दिन होगा। इसी दिन माघ मास का कल्पवास पूर्ण माना जाता है।
