माघ मेला 2026: अद्भुत ज्योतिषीय संयोग और विशेष स्नान तिथियां
प्रयागराज का माघ मेला: आध्यात्मिकता का महापर्व
नई दिल्ली: हर साल प्रयागराज में आयोजित होने वाला माघ मेला केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसे आत्मिक शुद्धि और आध्यात्मिक विकास का एक महत्वपूर्ण पर्व भी माना जाता है। माघ मेला 2026 इस बार कई विशेषताओं के साथ आने वाला है। इसका मुख्य कारण है 75 वर्षों बाद बनने वाला एक अनोखा और शुभ ज्योतिषीय संयोग, जो इस मेले को और भी पुण्यदायी बना देगा। श्रद्धालुओं के लिए यह समय गंगा स्नान, दान और साधना के लिए अत्यंत लाभकारी माना जा रहा है।
माघ मेले की शुरुआत पौष पूर्णिमा से होती है और इसका समापन महाशिवरात्रि पर होता है। वर्ष 2026 में माघ मेले का आरंभ 3 जनवरी से होगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस अवधि में गंगा स्नान करने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक बल भी प्राप्त होता है।
माघ मेला 2026 का विशेष ज्योतिषीय संयोग
इस वर्ष माघ माह की शुरुआत 4 जनवरी 2026, रविवार को हो रही है। इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र रहेगा, जिसे शास्त्रों में अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना गया है। पुनर्वसु नक्षत्र में माघ माह का आरंभ होना अपने आप में एक दुर्लभ संयोग है, जो सकारात्मक ऊर्जा और शुभ फल प्रदान करता है।
इसके अलावा, मकर संक्रांति के दिन एक और विशेष योग बन रहा है। जिस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे, उसी दिन शनि का अनुराधा नक्षत्र भी रहेगा। सूर्य और शनि के इस विशेष संबंध के कारण मकर संक्रांति का स्नान असाधारण पुण्यदायी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन स्नान करने से सूर्य का तेज और शनि की आध्यात्मिक शक्ति दोनों का लाभ मिलता है।
माघ मेला 2026 की महत्वपूर्ण स्नान तिथियां
पौष पूर्णिमा: 3 जनवरी 2026
मकर संक्रांति: 14 जनवरी 2026
(15 जनवरी को भी संक्रांति स्नान मान्य)
मौनी अमावस्या: 18 जनवरी 2026
बसंत पंचमी: 23 जनवरी 2026
माघ पूर्णिमा: 1 फरवरी 2026
महाशिवरात्रि: 15 फरवरी 2026
क्या संक्रांति स्नान दो दिन होगा?
साल 2026 में सूर्य 14 जनवरी को दोपहर 3 बजे के बाद मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसी कारण 14 जनवरी को सायंकालीन संक्रांति स्नान और 15 जनवरी को प्रातःकालीन संक्रांति स्नान मान्य होगा। यही वजह है कि अलग-अलग स्थानों पर संक्रांति स्नान की तारीख 14 और 15 जनवरी बताई जा रही है।
कुल मिलाकर, माघ मेला 2026 श्रद्धा, आस्था और दुर्लभ शुभ योगों का अनोखा संगम बनने जा रहा है, जो भक्तों के लिए एक विशेष आध्यात्मिक अवसर साबित होगा।
