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मार्गशीर्ष मास की मासिक शिवरात्रि: जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

मार्गशीर्ष मास की मासिक शिवरात्रि एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है, जो भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भक्त विशेष पूजा करते हैं, जिससे उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। जानें कब है यह तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि, जिससे आप भी इस पावन दिन का लाभ उठा सकें।
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मार्गशीर्ष मास की मासिक शिवरात्रि: जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

मार्गशीर्ष मास की मासिक शिवरात्रि का महत्व


नई दिल्ली: हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाने वाली मासिक शिवरात्रि भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन भक्त महादेव और माता पार्वती की विशेष पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धा और भक्ति से व्रत करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।


मासिक शिवरात्रि को देवों के देव महादेव की आराधना का विशेष अवसर माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से भक्तों को सभी दुखों और संकटों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष मास की मासिक शिवरात्रि कब है, शुभ मुहूर्त क्या है और पूजा विधि के नियम क्या हैं।


मार्गशीर्ष मास की मासिक शिवरात्रि कब है?

वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 18 नवंबर 2025 को प्रातः 07 बजकर 12 मिनट से शुरू होगी और 19 नवंबर की सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी। निशा काल में पूजा करना सर्वोत्तम माना गया है, इसलिए मासिक शिवरात्रि का व्रत और पूजा 18 नवंबर की रात को की जाएगी।


मासिक शिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त

मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा का शुभ समय रात 11 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। इस समय में भोलेनाथ की आराधना करने से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है।


मासिक शिवरात्रि पूजा विधि


  • मासिक शिवरात्रि के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।


  • घर के मंदिर की सफाई करने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।


  • इसके बाद शिवलिंग पर जल और दूध से अभिषेक करें तथा बेलपत्र, भांग, धतूरा, अक्षत, फूल और चंदन अर्पित करें।


  • इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।


  • अंत में भगवान शिव की आरती कर उनसे अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।



मासिक शिवरात्रि का महत्व

मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि आती है और पापों से मुक्ति मिलती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन का व्रत विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करता है और योग्य जीवनसाथी प्राप्त करने में मदद करता है। साथ ही, भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और मन में शांति बनी रहती है।