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मार्गशीर्ष माह: भगवान श्रीकृष्ण की प्रियता और विशेष पूजा विधि

मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो चुकी है, जो हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस माह में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। जानें इस माह की पूजा विधि, लड्डू गोपाल की आराधना और इस पवित्र महीने के दौरान किए जाने वाले धार्मिक कार्यों के बारे में। यह माह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने और कष्टों को समाप्त करने में सहायक माना जाता है।
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मार्गशीर्ष माह: भगवान श्रीकृष्ण की प्रियता और विशेष पूजा विधि

मार्गशीर्ष माह का पवित्र आरंभ


आज से मार्गशीर्ष माह की पवित्र शुरुआत हो चुकी है। हिंदू धर्म में हर तिथि, वार और माह का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह वर्ष का नौवां महीना है, जिसे अगहन माह भी कहा जाता है। धार्मिक ग्रंथों में इस माह का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि इस महीने में स्नान, दान और दीपदान करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।


भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय महीना

भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता में इस माह का उल्लेख किया है। गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं, "मासानां मार्गशीर्षोऽहम्" अर्थात सभी महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूं। यह दर्शाता है कि भगवान को यह महीना बहुत प्रिय है। मान्यता है कि इसी माह में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था, इसलिए यह महीना आध्यात्मिक साधना और भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।


लड्डू गोपाल की पूजा का महत्व

पंचांग के अनुसार, इस वर्ष मार्गशीर्ष मास की शुरुआत 6 नवंबर 2025, गुरुवार से हुई है। इससे एक दिन पहले कार्तिक पूर्णिमा मनाई गई थी और इसके अगले दिन से यह पवित्र माह प्रारंभ हो गया। यह माह 4 दिसंबर 2025 को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा। इस महीने में लड्डू गोपाल (बाल स्वरूप श्रीकृष्ण) की पूजा विशेष रूप से की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति इस माह में श्रद्धा और नियम से लड्डू गोपाल की पूजा करता है, उस पर पूरे वर्ष भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती है।


पूजा विधि

प्रत्येक दिन सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी या स्वच्छ जल में स्नान करें। फिर तांबे के लोटे से सूर्य देव को जल अर्पित करें और उनकी आराधना करें। इसके बाद लड्डू गोपाल को घंटी बजाकर जगाएं, उन्हें स्नान कराएं और साफ वस्त्र पहनाएं। भगवान को केसर का तिलक लगाएं और उनका सुंदर श्रृंगार करें। इसके बाद तिल और गुड़ का भोग लगाएं, जो इस माह में अत्यंत शुभ माना गया है। इसके बाद "कृं कृष्णाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें और लड्डू गोपाल की आरती करें। पूजा के बाद लगभग 10 मिनट तक बाल गोपाल को सूर्य की किरणों का दर्शन कराएं। ऐसा करने से घर में सुख-शांति, समृद्धि और भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद बना रहता है।


कष्टों का अंत

मार्गशीर्ष माह को धर्म, दान और साधना का महीना माना जाता है। इस महीने में नियमित पूजा, दान और सत्य आचरण से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और सभी कष्टों का अंत होता है।