शिशिर ऋतु में स्वास्थ्य बनाए रखने के आयुर्वेदिक उपाय
शिशिर ऋतु का महत्व और स्वास्थ्य
दिसंबर से मध्य फरवरी तक का शिशिर ऋतु का मौसम शरीर के लिए चुनौतीपूर्ण होता है। इस दौरान ठंडी हवाएं चलती हैं, जिससे शरीर को सामान्य दिनों की तुलना में अधिक गर्मी और ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए, इस मौसम में सही खान-पान और दिनचर्या का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। आयुर्वेद इस मौसम में स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए कई सुझाव देता है।
आयुर्वेदिक सुझाव
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय शिशिर ऋतु में स्वस्थ रहने के लिए आयुर्वेदिक सुझाव साझा करता है। इसमें बताया गया है कि इस मौसम में समय पर भोजन करना, गुनगुना पानी पीना, शरीर को ठंड से बचाना और हल्का व्यायाम करना महत्वपूर्ण है। ये उपाय इम्यूनिटी को मजबूत बनाते हैं और शरीर को सक्रिय रखते हैं।
सही आहार का चयन
शिशिर ऋतु में शरीर को गर्म और पौष्टिक रखने के लिए कुछ विशेष आदतें अपनानी चाहिए। सबसे पहले, मीठा, खट्टा और नमकीन स्वाद वाले भोजन का सेवन करें। ये शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और ठंड से लड़ने में मदद करते हैं। दूध और दूध से बने उत्पाद जैसे घी, दही और पनीर का सेवन करें, क्योंकि ये पौष्टिक होते हैं और शरीर की गर्माहट बढ़ाते हैं। गुनगुने पानी के साथ शहद का सेवन पाचन में सुधार करता है और इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
व्यायाम और सुरक्षा
शिशिर ऋतु में भारी लेकिन पौष्टिक आहार जैसे दलिया, खिचड़ी, सूखे मेवे और गुड़ वाली चीजें लें। रोजाना तेल से मालिश करें, जैसे सरसों या तिल के तेल की। यह शरीर को गर्म रखता है और त्वचा को नरम बनाता है। ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें और बाहर निकलते समय मुंह-नाक ढकें। सुबह हल्की सैर, योगासन या प्राणायाम करें। गर्म पानी से स्नान करना या स्टीम लेना भी फायदेमंद है।
क्या न करें
कुछ चीजें इस मौसम में नुकसान पहुंचा सकती हैं, जैसे तीखा, कड़वा और कब्ज पैदा करने वाला भोजन। अधिक मिर्च-मसाले, बासी भोजन या हल्का सलाद न खाएं। उपवास न करें, क्योंकि शरीर को लगातार ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ठंडा पानी पीने से बचें और हमेशा गुनगुना या गर्म पानी का सेवन करें।
सुरक्षा के उपाय
शिशिर ऋतु में ठंडी हवा वाले वातावरण में ज्यादा देर न रहें। बिना सुरक्षा के बाहर ठंड में न घूमें और रात में खुली जगह पर सोने से बचें। इन सरल उपायों से शिशिर ऋतु में होने वाली समस्याओं को मात दी जा सकती है।
