सावन का पहला सोमवार 2025: पूजा विधि और महत्व

सावन का महत्व और पूजा
हर साल श्रावण मास, जिसे सावन कहा जाता है, शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित है, और इसमें हर दिन पूजा, भक्ति और उत्सव का आयोजन होता है। मान्यता है कि सावन के सभी सोमवार को भगवान शिव की उपासना करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख है कि इस महीने में महादेव का नाम लेने और उनकी स्तुति करने से शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। भक्तों का विश्वास है कि इस दौरान भगवान शिव उनकी सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं।
सावन माह की तिथियाँ
सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई 2025 को हुई थी और यह 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगा। सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को है। इस दिन गजानन संकष्टी चतुर्थी का भी आयोजन होगा।
सावन माह में चार सोमवार पड़ रहे हैं:
- पहला सोमवार- 14 जुलाई 2025
- दूसरा सोमवार- 21 जुलाई 2025
- तीसरा सोमवार- 28 जुलाई 2025
- चौथा सोमवार- 4 अगस्त 2025
पूजन विधि
पूजन विधि: शिवलिंग पर गंगा जल अर्पित करने के बाद बेलपत्र, धतूरा, शमी, फूल और भांग अर्पित करें। बेलपत्र को अर्पित करते समय ध्यान रखें कि वह खंडित न हो। बेलपत्र के तीनों पत्तों पर चंदन लगाकर चिकनी तरफ अर्पित करें।
सोमवार का व्रत
सोमवार का व्रत: सावन के सोमवार का व्रत रखने वाले भक्तों को इस दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। एक ही समय भोजन ग्रहण करने का नियम है।