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सोमवार को मानसिक तनाव से मुक्ति के लिए करें ये मंत्र जप

सोमवार का दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए विशेष होता है। इस दिन व्रत रखने से भक्त की इच्छाएं पूरी होती हैं। जानें कैसे चंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए जलाभिषेक और मंत्र जप करें। इस लेख में विशेष मंत्रों की सूची भी दी गई है, जो मानसिक तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।
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सोमवार को मानसिक तनाव से मुक्ति के लिए करें ये मंत्र जप

भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से पूरी होती हैं इच्छाएं


सनातन धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से भक्त की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है।


आश्विन माह की नवमी तिथि का महत्व

वैदिक पंचांग के अनुसार, 15 सितंबर को आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि है। इस दिन मृत माताओं का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है, साथ ही आर्थिक स्थिति के अनुसार दान-पुण्य भी किया जाता है।


महादेव का जलाभिषेक और चंद्र देव की कृपा

यदि आप चंद्र देव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो सोमवार को स्नान-ध्यान के बाद भगवान शिव की पूजा करें। पूजा के दौरान महादेव का जलाभिषेक करें और चंद्र देव के नामों का जप करें। इससे मानसिक तनाव की समस्या दूर होती है।


जाप करने के लिए मंत्र

1. ॐ केतवे नम:।


2. ॐ स्थूलशिरसे नम:।


3. ॐ शिरोमात्राय नम:।


4. ॐ ध्वजाकृतये नम:।


5. ॐ नवग्रहयुताय नम:।


6. ॐ सिंहिकासुरीगर्भसंभवाय नम:।


7. ॐ महाभीतिहराय नम:।


8. ॐ चित्रवर्णाय नम:।


9. ॐ पिंगळाक्षाय नम:।


10. ॐ फलधूम्रसंकाशाय नम:।


11. ॐ तीक्ष्णदंष्ट्राय नम:।


12. ॐ महोरगाय नम:।


13. ॐ रक्तनेत्राय नम:।


14. ॐ चित्रकारिणे नम:।


15. ॐ तीव्रकोपाय नम:।


16. ॐ महाशूराय नम:।


17. ॐ पापकंटकाय नम:।


18. ॐ क्रोधनिधये नम:।


19. ॐ छायाग्रहविशेषकाय नम:।


20. ॐ अंत्यग्रहाय नम:।


21. ॐ महाशीर्षाय नम:।


22. ॐ सूर्यारये नम:।


23. ॐ पुष्पवद्गृहिणे नम:।


24. ॐ वरदहस्ताय नम:।


25. ॐ गदापाणये नम:।


26. ॐ चित्रशुभ्रधराय नम:।


27. ॐ चित्रध्वजपताकाय नम:।


28. ॐ घोराय नम:।


29. ॐ चित्ररथाय नम:।


30. ॐ शिखिने नम:।


31. ॐ कुळत्थभक्षकाय नम:।


32. ॐ वैढूर्याभरणाय नम:।


33. ॐ उत्पातजनकाय नम:।


34. ॐ शुक्रमित्राय नम:।


35. ॐ मंदारखाय नम:।


36. ॐ शिखिनेंधपकाय नम:।


37. ॐ अंतर्वेदिने नम:।


38. ॐ ईश्वराय नम:।


39. ॐ जैमिनिगोत्रजाय नम:।


40. ॐ चित्रगुप्तात्मने नम:।


41. ॐ दक्षिणाभिमुखाय नम:।


42. ॐ मुकुंदवरप्रदाय नम:।


43. ॐ महासुरकुलोद्भवाय नम:।


44. ॐ घनवर्णाय नम:।


45. ॐ लघुदेहाय नम:।


46. ॐ मृत्युपुत्राय नम:।


47. ॐ उत्पातरूपधारिणे नम:।


48. ॐ अदृश्याय नम:।


49. ॐ कालाग्निसन्निभाय नम:।


50. ॐ नृपीठाय नम:।


51. ॐ ग्रहकारिणे नम:।


52. ॐ सर्वोपद्रवकारकाय नम:।


53. ॐ चित्रप्रसूताय नम:।


54. ॐ अनलाय नम:।


55. ॐ सर्वव्याधिविनाशकाय नम:।


56. ॐ अपसव्यप्रचारिणे नम:।


57. ॐ नवमेपापदायकाय नम:।


58. ॐ पंचमेशोकदाय नम:।


59. ॐ उपरागगोचराय नम:।


60. ॐ पुरुषकर्मणे नम:।


61. ॐ तुरीयेस्थेसुखप्रदाय नम:।


62. ॐ तृतीयेवैरदाय नम:।


63. ॐ पापग्रहाय नम:।


64. ॐ स्फोटकारकाय नम:।


65. ॐ प्राणनाथाय नम:।


66. ॐ पंचमेश्रमकारकाय नम:।


67. ॐ द्वितीयेस्फुटवाग्धत्रे नम:।


68. ॐ विषाकुलितवक्त्राय नम:।


69. ॐ कामरूपिणे नम:।


70. ॐ सिंहदंताय नम:।


71. ॐ सत्योपनृतवते नम:।


72. ॐ चतुर्थेवमातृनाशाय नम:।


73. ॐ नवमेपितृनाशाय नम:।


74. ॐ अंतेवैरप्रदाय नम:।


75. ॐ सुतानंदनबंधकाय नम:।


76. ॐ सर्पाक्षिजाताय नम:।


77. ॐ अनंगाय नम:।


78. ॐ कर्मराश्शुद्भवाय नम:।


79. ॐ अपांतेकीर्तिदाय नम:।


80. ॐ सप्तमेकलहप्रदाय नम:।


81. ॐ अष्टमेव्याधिकर्त्रे नम:।


82. ॐ धनेबहुसुखप्रदाय नम:।


83. ॐ जननेरोगदाय नम:।


84. ॐ ऊर्ध्वमूर्धजाय नम:।


85. ॐ ग्रहनायकाय नम:।


86. ॐ पापदृष्टये नम:।


87. ॐ खेचराय नम:।


88. ॐ शांभवाय नम:।


89. ॐ आशेषपूजिताय नम:।


90. ॐ शाश्वताय नम:।


91. ॐ वटाय नम:।


92. ॐ शुभाशुभफलप्रदाय नम:।


93. ॐ धूम्राय नम:।


94. ॐ सुधापायिने नम:।


95. ॐ निशाकराय नम:।


96. ॐ भक्तवत्सलाय नम:।


97. ॐ सिंहासनाय नम:।


98. ॐ केतुमूर्तये नम:।


99. ॐ रवींदुद्युतिनाशकाय नम:।


100. ॐ अमराय नम:।


101. ॐ पीठकाय नम:।


102. ॐ विष्णुदृष्टाय नम:।


103. ॐ अमर?श्वराय नम:।


104. ॐ भक्तरक्षकाय नम:।


105. ॐ वैचित्र्यकपोलस्यंदनाय नम:।


106. ॐ विचित्रफलदायिने नम:।


107. ॐ भक्ताभीष्टफलदाय नम:।


108. ॐ केतवे नम:।


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