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हरियाणा में पहली AI आधारित आंगनबाड़ी की शुरुआत

हरियाणा ने जींद जिले में पहली AI आधारित आंगनबाड़ी की शुरुआत की है, जो 3 से 6 वर्ष के बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करेगी। इस पहल में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे बच्चों के विकास को डिजिटल रूप से समझा और सुधारा जा सकेगा। अधिकारियों का मानना है कि यह प्रणाली बच्चों की समझ और याददाश्त को बढ़ाने में मदद करेगी। यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो यह पूरे देश के लिए एक नई दिशा तय कर सकता है।
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हरियाणा में पहली AI आधारित आंगनबाड़ी की शुरुआत

हरियाणा में नई पहल

हरियाणा ने प्रारंभिक शिक्षा और बाल स्वास्थ्य को सशक्त बनाने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है। जींद जिले के पिंडारा गांव में राज्य की पहली AI आधारित आंगनबाड़ी का उद्घाटन किया गया है। यह केंद्र विशेष रूप से 3 से 6 वर्ष के बच्चों की शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य की देखरेख के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग करेगा। इस पहल की जानकारी जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने साझा की।


AI आंगनबाड़ी का महत्व

यह आंगनबाड़ी न केवल शिक्षा के तरीके को बदलने का कार्य करेगी, बल्कि बच्चों के समग्र विकास को डिजिटल रूप से समझने और सुधारने में भी मदद करेगी।


AI आंगनबाड़ी की विशेषताएँ

AI आधारित आंगनबाड़ी पारंपरिक व्यवस्था से भिन्न है। यहां बच्चों की गतिविधियों को तकनीक से जोड़ा गया है। इस केंद्र में:



  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम

  • वर्चुअल रियलिटी वीआर सेट

  • डिजिटल रिकॉर्ड और मॉनिटरिंग टूल


इनका उपयोग बच्चों के सीखने के अनुभव को अधिक प्रभावी और रोचक बनाने के लिए किया जा रहा है।


उद्घाटन के दौरान अधिकारियों की राय

आंगनबाड़ी का उद्घाटन एसीडी विवेक शर्मा ने किया। उन्होंने केंद्र का निरीक्षण किया और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से बातचीत की। उनके अनुसार, AI और VR तकनीक बच्चों की समझ और याददाश्त को बढ़ाने में सहायक होगी, जिससे बच्चे खेल के माध्यम से नई चीजें सीख सकेंगे, जो उनकी मानसिक और शारीरिक क्षमता को बेहतर बनाएगा।


शिक्षा में बदलाव

इस AI आंगनबाड़ी में पढ़ाई का तरीका केवल पारंपरिक किताबों तक सीमित नहीं रहेगा।



  • VR सेट की मदद से बच्चे चित्रों और दृश्य अनुभव के जरिए सीखेंगे।

  • भाषाई सामग्री को कई भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा।

  • सीखने की गति हर बच्चे की क्षमता के अनुसार तय की जाएगी।


विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की शिक्षा बच्चों को जल्दी समझने और लंबे समय तक याद रखने में मदद करती है।


स्वास्थ्य और पोषण की डिजिटल निगरानी

AI तकनीक केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है।



  • बच्चों की उपस्थिति

  • स्वास्थ्य से जुड़ा डेटा

  • वजन, ऊंचाई और पोषण से जुड़ी जानकारी


इन सभी को डिजिटल रूप से रिकॉर्ड किया जाएगा, जिससे किसी भी समस्या की पहचान समय पर हो सकेगी और आवश्यक कदम तुरंत उठाए जा सकेंगे।


आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए बदलाव

नई व्यवस्था से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का काम भी आसान होगा।



  • कागजी रजिस्टर की आवश्यकता कम होगी।

  • रोजाना की रिपोर्ट डिजिटल रूप से तैयार होगी।

  • बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने का समय मिलेगा।


इससे प्रशासन और विभाग दोनों को सटीक और रियल टाइम जानकारी मिल सकेगी।


निजी स्कूलों पर निर्भरता कम करने की संभावना

पिछले कुछ वर्षों में निजी स्कूलों की फीस में लगातार वृद्धि हुई है। ऐसे में सरकारी आंगनबाड़ी में उन्नत शिक्षा और तकनीक मिलने से:



  • अभिभावकों का आर्थिक बोझ कम हो सकता है।

  • सरकारी व्यवस्था पर भरोसा बढ़ेगा।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी।


महत्व और भविष्य की योजना

यह पहल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि:



  • यह डिजिटल इंडिया और शिक्षा सुधार की दिशा में एक कदम है।

  • शुरुआती उम्र में बच्चों के विकास पर ध्यान केंद्रित करती है।

  • भविष्य में अन्य जिलों और राज्यों के लिए मॉडल बन सकती है।


अधिकारियों के अनुसार, यदि यह प्रयोग सफल रहा तो:



  • अन्य जिलों में भी AI आधारित आंगनबाड़ी शुरू की जाएंगी।

  • तकनीक को और उन्नत किया जाएगा।

  • बच्चों के डेटा के आधार पर नीतियां बनाई जाएंगी।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

AI आंगनबाड़ी किन बच्चों के लिए है?


यह केंद्र 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए है।


क्या इससे बच्चों पर तकनीक का ज्यादा असर पड़ेगा?


विशेषज्ञों के अनुसार नियंत्रित और शैक्षणिक तकनीक बच्चों के विकास में सहायक होती है।


क्या यह सुविधा मुफ्त है?


यह सरकारी आंगनबाड़ी है और सेवाएं निशुल्क उपलब्ध हैं।


हरियाणा की यह पहली AI आधारित आंगनबाड़ी शिक्षा और सामाजिक कल्याण का आधुनिक उदाहरण है। तकनीक के सही उपयोग से बच्चों की पढ़ाई और सेहत दोनों को बेहतर बनाया जा सकता है। यदि यह मॉडल सफल होता है, तो यह पूरे देश के लिए एक नई दिशा तय कर सकता है।