ओवल टेस्ट के लिए भारत का नया उपकप्तान: केएल राहुल की संभावनाएं

ओवल टेस्ट की तैयारी

ओवल टेस्ट: भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही 5 मैचों की टेस्ट श्रृंखला अब निर्णायक मोड़ पर है। ओवल में होने वाला पांचवां टेस्ट न केवल जीत के लिए, बल्कि रणनीतिक सोच की भी परीक्षा है। कप्तान शुभमन गिल और कोच गौतम गंभीर इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में एक अनुभवी खिलाड़ी को उपकप्तानी सौंपने की योजना बना रहे हैं, जिसने पिछले कुछ वर्षों में नेतृत्व की भूमिकाओं में खुद को साबित किया है। आइए जानते हैं वह खिलाड़ी कौन हो सकता है।
केएल राहुल उपकप्तान बन सकते हैं
हाल ही में चौथे टेस्ट के दौरान, जब नियमित उपकप्तान शुभमन गिल और ऋषभ पंत मैदान पर नहीं थे, तब केएल राहुल को फील्ड सेट करते हुए देखा गया। उनकी उपस्थिति और निर्णय लेने की क्षमता ने यह स्पष्ट कर दिया कि टीम प्रबंधन उन्हें एक लीडर के रूप में देखता है। अब जब टीम को एक शांत, तकनीकी रूप से सक्षम और मैच की स्थिति को समझने वाले खिलाड़ी की आवश्यकता है, तो केएल राहुल एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं।
नेतृत्व की जिम्मेदारी पहले भी संभाल चुके हैं
केएल राहुल ने भारतीय टीम के लिए पहले भी कप्तानी की है। 2021 में विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद, वह सीमित ओवरों की टीम में उपकप्तान बने और रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में दक्षिण अफ्रीका दौरे पर कप्तानी भी की। हालांकि उस श्रृंखला में भारत हार गया था, लेकिन राहुल ने नेतृत्व की बारीकियों को सीखा और 2023 में दक्षिण अफ्रीका में भारत को ऐतिहासिक 2-1 जीत दिलाई।
IPL में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
राहुल का IPL करियर भी उनकी कप्तानी की क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने पंजाब किंग्स और लखनऊ सुपर जाएंट्स जैसी टीमों के लिए कप्तानी की है, जहां उन्होंने न केवल रन बनाए, बल्कि टीम को प्लेऑफ तक भी पहुँचाया। 2020 में वह ऑरेंज कैप विजेता रहे और 2022 में लखनऊ की पहली सीज़न में प्लेऑफ तक की अगुवाई की। हालांकि 2023 में चोट के कारण वह टूर्नामेंट से बाहर हो गए, लेकिन उनके शांत स्वभाव और रणनीतिक निर्णय हमेशा टीम के लिए फायदेमंद रहे हैं।
रोहित और द्रविड़ की पसंद
कप्तान रोहित शर्मा और पूर्व कोच राहुल द्रविड़ दोनों ने केएल राहुल पर लंबे समय से भरोसा जताया है। द्रविड़ ने राहुल को अंडर-19 दिनों से जाना है और उनके साथ घरेलू क्रिकेट में भी काफी समय बिताया है। द्रविड़ की शैली हमेशा ऐसे खिलाड़ियों पर भरोसा करने की रही है जो परिस्थितियों को पढ़ने में माहिर हों और टीम के हित में निर्णय ले सकें – राहुल इस फ्रेम में पूरी तरह फिट बैठते हैं।