कोच गंभीर ने इस खिलाड़ी को टीम में शामिल करने से किया इनकार, पहली सीरीज बनी आखिरी

कोच गंभीर की कड़ी नजर

कोच गंभीर - भारतीय टेस्ट टीम में घरेलू क्रिकेट और IPL में शानदार प्रदर्शन के आधार पर शामिल किए गए इस खिलाड़ी का इंग्लैंड दौरा उनके लिए एक बुरा सपना साबित हुआ। जिस खिलाड़ी से भारतीय टीम को बड़ी उम्मीदें थीं, वह 3 मैचों में 6 पारियों में उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका। अब चर्चा है कि कोच गंभीर उन्हें दोबारा टेस्ट टीम में मौका नहीं देंगे। आइए जानते हैं कौन है यह खिलाड़ी।
साई सुदर्शन का डेब्यू
साई सुदर्शन को लीड्स में मिला डेब्यू का मौका
23 वर्षीय साई सुदर्शन को इंग्लैंड दौरे की टेस्ट सीरीज में लीड्स टेस्ट से डेब्यू का मौका मिला। वह इंडिया के लिए टेस्ट खेलने वाले 317वें खिलाड़ी बने। हालांकि, उनकी शुरुआत बेहद निराशाजनक रही। पहली पारी में वह बिना खाता खोले आउट हो गए, जबकि दूसरी पारी में केवल 30 रन बना सके। ऐसे में कोच गंभीर, जो युवा खिलाड़ियों को मौके देने के पक्षधर हैं, शायद इस प्रदर्शन से निराश हो गए।
मैनचेस्टर में वापसी
मैनचेस्टर में वापसी लेकिन फिर वही कहानी
बर्मिंघम से बाहर होने के बाद साई सुदर्शन को मैनचेस्टर टेस्ट में करुण नायर की जगह फिर से मौका मिला। इस बार उन्होंने पहले मौके को भुनाते हुए 61 रन की पारी खेली और अपने टेस्ट करियर का पहला अर्धशतक जमाया। लेकिन दूसरी पारी में वह बिना खाता खोले आउट हो गए। ऐसे में कोच गंभीर की नजरों में यह निरंतर असफलता थी।
ओवल टेस्ट में प्रदर्शन
ओवल टेस्ट में फिर फ्लॉप शो
सीरीज के निर्णायक ओवल टेस्ट में साई को फिर से प्लेइंग-11 में मौका मिला। यह उनके लिए खुद को साबित करने का आखिरी मौका था, लेकिन उन्होंने 38 और 11 रन बनाकर कुल 49 रन ही बनाए। न तो कोई प्रभावशाली साझेदारी कर पाए और न ही बड़ी पारी। इस प्रदर्शन के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह उनकी पहली और आखिरी सीरीज होगी?
कोच गंभीर का निर्णय
कोच गंभीर देंगे दोबारा मौका
कोच गंभीर अपने तेज फैसलों के लिए जाने जाते हैं। अगर कोई खिलाड़ी बार-बार मौके पाकर भी असफल होता है, तो वे उसे बाहर का रास्ता दिखा देते हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि साई सुदर्शन की यह पहली सीरीज ही उनकी आखिरी बन सकती है। टीम इंडिया के पास अब घरेलू मैदान पर वेस्टइंडीज और साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज है। ऐसे में कोच गंभीर उन खिलाड़ियों को मौका देना चाहेंगे जो परिस्थिति के अनुसार खुद को ढाल सकें।