पाकिस्तान क्रिकेट का पुराना किस्सा: 2009 में बाउंस हुए चेक की कहानी

सईद अजमल का खुलासा
नई दिल्ली: एशिया कप 2025 में भारतीय टीम की शानदार जीत और BCCI द्वारा घोषित की गई बड़ी इनामी राशि के बीच, पाकिस्तान क्रिकेट का एक पुराना और विवादास्पद मामला फिर से चर्चा में आ गया है। पूर्व पाकिस्तानी स्पिनर सईद अजमल का एक पुराना वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें उन्होंने बताया कि 2009 में टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद, तत्कालीन पाकिस्तानी सरकार ने पूरी टीम को जो इनाम के चेक दिए थे, वे बाउंस हो गए थे।
यह घटना 2009 की है, जब यूनिस खान की कप्तानी में पाकिस्तान ने इंग्लैंड में टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। सईद अजमल ने उस टूर्नामेंट में 12 विकेट लेकर टीम की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वायरल हो रहा वीडियो पिछले साल के एक पॉडकास्ट का है, जिसमें अजमल ने इस घटना का जिक्र किया था।
वीडियो में सईद अजमल कहते हैं, "जब हम 2009 का वर्ल्ड कप जीतकर लौटे, तो तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने हमें न्योता दिया और 25-25 लाख रुपये (पाकिस्तानी रुपये) के चेक दिए। 2009 में 25 लाख रुपये एक बड़ी राशि थी और हम सभी खिलाड़ी बहुत खुश थे।"
Pakistan player Saeed Ajmal
Pakistan Prime Minister gave a cheque of 25 lakh rupees because we won the Asia Cup.
But when I went to the bank, they said the government account doesn’t have money.
Mohsin Naqvi Trophy Chori at least pay money to your players Ajmal Shahid Afridi pic.twitter.com/jrHK7Cn1Wu
— Yanika_Lit (@LogicLitLatte) September 29, 2025
उन्होंने आगे कहा, "हमें चेक तो मिल गया, लेकिन जब हमने उसे बैंक में जमा किया, तो वह बाउंस हो गया। हमें बताया गया कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन आपको यह राशि देंगे, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि जब चेक सरकार ने दिया है, तो मैं पैसे कहां से दूं?" अजमल ने बताया कि इसके तुरंत बाद टीम श्रीलंका दौरे पर गई और उन्हें सरकार द्वारा घोषित इनामी राशि कभी नहीं मिली। खिलाड़ियों को केवल ICC से मिली पुरस्कार राशि पर संतोष करना पड़ा।
यह वीडियो उस समय वायरल हुआ है जब भारत में क्रिकेटरों को BCCI द्वारा बड़ी धनराशि दी जा रही है, जिससे दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड और सरकारों द्वारा खिलाड़ियों को दिए जाने वाले सम्मान और सुविधाओं पर एक नई बहस छिड़ गई है।