भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका तीसरा वनडे: क्या होगा 'ड्यू फैक्टर' का असर?
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीसरे वनडे की तैयारी
भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका तीसरा वनडे: पहले दो वनडे मैचों में भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ गेंदबाजी में कठिनाई का सामना करना पड़ा है। इसका मुख्य कारण नवंबर में ओस का गिरना है। मेज़बान टीम इस समस्या का समाधान नहीं निकाल पाई है, जिसके चलते दक्षिण अफ्रीका ने 359 रन का लक्ष्य चार गेंद शेष रहते आसानी से हासिल कर लिया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विशाखापत्तनम में 'ड्यू फैक्टर' का प्रभाव होगा या नहीं।
भारत में सर्दियों के दौरान शाम के समय ओस गिरने लगती है, जिससे रात में गेंदबाजी करने वाली टीमों को कठिनाई होती है। नमी के कारण गेंद गीली हो जाती है, जिससे बल्लेबाजों के लिए रन बनाना आसान हो जाता है और गेंदबाजों के लिए गेंद को पकड़ना मुश्किल हो जाता है। दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम को इसका फायदा मिलता है। रांची और रायपुर में खेले गए वनडे मैचों में 'ड्यू फैक्टर' का प्रभाव देखा गया है। रांची में भारत ने पहले वनडे में रोमांचक जीत हासिल की, जबकि रायपुर में टीम स्कोर डिफेंड करने में असफल रही। ऐसे में विशाखापत्तनम में तीसरे वनडे में 'ड्यू फैक्टर' का क्या होगा? यह एक बड़ा सवाल है।
विशाखापत्तनम में 'ड्यू फैक्टर' की संभावना
तीसरे वनडे में 'ड्यू फैक्टर' देखने को मिल सकता है, क्योंकि विशाखापत्तनम में आमतौर पर शाम के समय आर्द्रता बढ़ जाती है, जिससे ओस जमने लगती है। इसका मतलब है कि टॉस का महत्व बढ़ जाएगा और टॉस जीतने वाला कप्तान पहले गेंदबाजी का निर्णय ले सकता है, जैसा कि पहले दो मैचों में देखा गया। इस बीच, कल के मैच के लिए पिच की तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें पिच पर घास का एक तिनका भी नहीं है। यह पिच पहले बैटिंग करते समय थोड़ी धीमी हो सकती है, और यदि ओस आ जाती है, तो दूसरी पारी में बल्लेबाजी और भी आसान हो जाएगी।
