PCB ने BCCI के फैसले की नकल की, विदेशी टी20 लीग में नहीं भेजेगा खिलाड़ी

PCB का नया निर्णय

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अपने खिलाड़ियों की भलाई के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। जो खिलाड़ी भारतीय टीम के लिए लगातार खेलते हैं, वे आर्थिक रूप से मजबूत हो जाते हैं। बीसीसीआई खिलाड़ियों को इतनी राशि प्रदान करता है कि वे आईपीएल के अलावा अन्य लीगों में खेलने की आवश्यकता महसूस नहीं करते। इसीलिए, हर खिलाड़ी का प्रयास होता है कि वह बेहतरीन प्रदर्शन करे और भारतीय टीम में स्थान बनाए रखे।
PCB की नकल
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) अक्सर बीसीसीआई के निर्णयों की नकल करता है। हाल ही में, PCB ने एक ऐसा निर्णय लिया है जो बीसीसीआई ने 18 साल पहले लिया था। खेल प्रेमियों में इस खबर को लेकर उत्सुकता है कि पाकिस्तान ने क्या नया कदम उठाया है।
PCB ने BCCI की नक़ल

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को कभी-कभी पाकिस्तान कॉमेडी बोर्ड कहा जाता है, क्योंकि यह अक्सर बड़े बोर्डों के निर्णयों की नकल करता है, जबकि उनके खिलाड़ी उन निर्णयों का पालन नहीं करते। अब PCB ने अपने खिलाड़ियों को विदेशी लीग में भाग लेने से मना कर दिया है।
पाकिस्तानी खिलाड़ियों की स्थिति
PCB suspends NOCs for national cricketers in foreign leagues!
Now, players must meet set standards in international & domestic cricket to play overseas. Others will be sent to NCA for coaching before getting clearance. A new era for #PakistanCricket? #PCB pic.twitter.com/mrrYaVzVpk
— Muhammad Areeb Uddin Sheikh Areeb Cricket World (@areeb_7official) September 30, 2025
PCB द्वारा जिन खिलाड़ियों को एनओसी दी गई थी, उन्हें अगले आदेश तक रद्द कर दिया गया है। भारतीय बोर्ड ने कई साल पहले ही विदेशी लीग में खिलाड़ियों को भाग लेने से मना कर दिया था। इसीलिए कहा जा रहा है कि PCB कभी भी अपने निर्णय खुद नहीं लेता। हालांकि, क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि PCB जल्द ही इस निर्णय को वापस ले सकता है।
पाकिस्तानी खिलाड़ी विदेशी लीग में
दुनिया भर की लीग में हिस्सा लेते हैं पाकिस्तानी खिलाड़ी
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाड़ी विभिन्न फ्रेंचाइजी लीग में भाग लेते हैं। हालांकि, आईपीएल में इन खिलाड़ियों को शामिल नहीं किया जाता। लेकिन बिग बैश लीग, कैरिबियन प्रीमियर लीग और ILT20 लीग में पाकिस्तानी खिलाड़ी खेलते हैं। खेल प्रेमियों का मानना है कि यदि ये खिलाड़ी विदेशी लीग में भाग नहीं लेते हैं, तो उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ती जाएगी।