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यूपीसीए में चयन प्रक्रिया पर हो रहे भ्रष्टाचार पर पुलिस का शिकंजा

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यूपीसीए में चयन प्रक्रिया पर हो रहे भ्रष्टाचार पर पुलिस का शिकंजा


यूपीसीए में चयन प्रक्रिया पर हो रहे भ्रष्टाचार पर पुलिस का शिकंजा


कानपुर, 30 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री व क्रिकेट खिलाड़ी रहे मोहसिन रजा ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) की कारगुजारियों की लगातार पोल खोल रहे हैं। अब उनके आरोपों में दम दिखाई देने लगा है, क्योंकि सेलेक्शन के नाम पर जिससे 10 लाख रुपये लिए गए हैं, अब उसने पुलिस की शरण ले ली है। एसीपी ने रुपये वापस मांगने पर मारपीट करने वालों के खिलाफ अपना अभिकथन अभिलिखित कराने के लिए नोटिस जारी कर दिया है।

उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में भ्रष्टाचार की परतें दिन प्रतिदिन खुलती जा रही हैं। यहां पर भ्रष्टाचार कई प्रकार से हो रहा है, जिसमें सबसे अहम क्रिकेट खिलाड़ियों से चयन के नाम पर वसूली है। इसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री व क्रिकेट खिलाड़ी रहे मोहसिन रजा बराबर मुखर हैं। उनकी शिकायतों पर अब तक क्या कार्रवाई हो रही है, उसकी जानकारी तो अभी सार्वजनिक नहीं हो पा रही है, लेकिन वह लोग अब सामने आने लगे हैं जिन्होंने सेलेक्शन के नाम पर रुपये दिए हैं जिनका नाम मोहसिन रजा ले रहे हैं। सेलेक्शन न होने के बाद जब रुपया वापस मांगा गया तो आरोप है कि कमला क्लब में पांच लोगों ने उनके साथ मारपीट की और धमकी दी। मामला बड़े स्तर का होने के चलते पीड़ित पुलिस तक नहीं पहुंचते थे, लेकिन पीड़ित सत्यप्रकाश यादव ने पुलिस की शरण ले ली। मामले की जांच स्वरूपनगर सहायक पुलिस आयुक्त इन्द्र प्रकाश सिंह कर रहे हैं।

एसीपी इन्द्र प्रकाश सिंह ने शनिवार को बताया कि एक जांच मेरे पास विभाग से आई है, जिसमें रिजर्व पुलिस लाइन निवासी पीड़ित सत्यप्रकाश यादव का आरोप है कि क्रिकेट सेलेक्शन के नाम पर मो. अकरम और अनुराग मिश्रा ने अलग—अलग समय पर कुल 10 लाख रुपये लिए हैं। सेलेक्शन न होने पर जब रुपयों की मांग की गई तो बातचीत के लिए उनके खासमखास जसमेर धनकर, सिद्धार्थ पाण्डेय, गुजनान खान, कुणाल त्यागी और नदीम ने 28 सितंबर को कमला क्लब में बुलाया। वहां पर उन्होंने मेरे साथ मारपीट की और धमकी देते हुए कहा कि अगर रुपयों की मांग करोगे तो अंजाम खतरनाक होगा।

एसीपी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और सभी आरोपितों को नोटिस जारी किया गया ​है कि अपना अभिकथन अभिलिखित कराना सुनिश्चित करें। नोटिस के बाद भी अभी तक किसी ने अपना बयान दर्ज नहीं कराया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / अजय सिंह