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Shivam Dube की तूफानी बल्लेबाजी ने फिर मचाई धूम, पृथ्वी शॉ का भी शानदार प्रदर्शन

शिवम दुबे ने पुणे में एक शानदार पारी खेलते हुए 62 गेंदों में शतक जड़ दिया, जबकि पृथ्वी शॉ ने भी 181 रन बनाकर अपनी काबिलियत साबित की। इस मैच में दुबे की आक्रामक बल्लेबाजी ने सभी का ध्यान खींचा, जबकि शॉ की पहली पारी ने उनकी प्रतिभा को फिर से उजागर किया। जानें इस रोमांचक मैच के बारे में और कैसे ये दोनों खिलाड़ी क्रिकेट की दुनिया में अपनी छाप छोड़ रहे हैं।
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Shivam Dube की तूफानी बल्लेबाजी ने फिर मचाई धूम, पृथ्वी शॉ का भी शानदार प्रदर्शन

शिवम दुबे की धमाकेदार पारी


खेल समाचार: एशिया कप फाइनल में भारत को जीत दिलाने वाले शिवम दुबे ने एक बार फिर अपनी बल्लेबाजी का जादू बिखेरा। मुंबई की टीम के लिए खेलते हुए उन्होंने महाराष्ट्र के गेंदबाजों को बुरी तरह से पराजित किया। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने केवल 62 गेंदों में शतक बनाते हुए कुल 100 रन बनाए। इस पारी में दुबे ने 9 छक्के और 5 चौके लगाए। हालांकि, मैच ड्रॉ रहा, लेकिन दुबे की शानदार बल्लेबाजी ने सभी का ध्यान खींचा। उनकी इस पारी ने फैंस को उनके अंतरराष्ट्रीय मैचों में किए गए पुराने शानदार शॉट्स की याद दिला दी है। अब युवा खिलाड़ी भी उन्हें प्रेरणा मानने लगे हैं और चयनकर्ताओं की नजरें भी उन पर टिकी हुई हैं।


चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए किया कमाल

पुणे में खेले गए इस मुकाबले में शिवम दुबे चौथे स्थान पर बल्लेबाजी करने आए और आते ही तूफानी शतक ठोक दिया। मुंबई के ओपनर अंग्कृष रघुवंशी ने 27 रन और आकाश आनंद ने 5 रन बनाकर आउट हो गए। हार्दिक तामोरे 24 रन बनाकर रिटायर हर्ट हुए, लेकिन इसके बाद दुबे ने मोर्चा संभाला और लगभग 160 की स्ट्राइक रेट से खेलते हुए शतक जड़ दिया। अपनी पारी के दौरान उन्होंने लेफ्ट आर्म स्पिनर हितेश वालुंज के एक ही ओवर में लगातार चार छक्के मारे। उनकी इस शानदार बल्लेबाजी को देखकर पुणे में मौजूद दर्शक खड़े होकर तालियां बजाने लगे। कोचिंग स्टाफ ने भी उनकी तेज और स्पिन गेंदबाजी पर आक्रामक बल्लेबाजी की सराहना की। यही कारण है कि उन्हें भारत का अगला बड़ा फिनिशर माना जा रहा है।


पृथ्वी शॉ का ताबड़तोड़ प्रदर्शन

इस मैच में पृथ्वी शॉ ने भी शानदार प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र की ओर से खेलते हुए उन्होंने पहली पारी में 181 रन बनाए। उनके साथ अर्शीन कुलकर्णी ने भी बेहतरीन शतक लगाया। दोनों बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 300 से अधिक रन की साझेदारी की। हालांकि, दूसरी पारी में दोनों बल्लेबाज असफल रहे। शॉ ने 22 रन बनाए और कुलकर्णी केवल 1 रन बनाकर आउट हो गए। फिर भी, शॉ की पहली पारी ने यह साबित कर दिया कि उनका आक्रामक खेल अभी भी बरकरार है। उनके शॉट्स की टाइमिंग और प्लेसमेंट देखने लायक थे। यदि वह इसी तरह लगातार रन बनाते रहे, तो टीम इंडिया की वापसी की चर्चा भी तेज हो जाएगी।