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Wimbledon 2025 की शुरुआत: भारत की उम्मीदें पुरुष डबल्स में

लंदन के ऑल इंग्लैंड क्लब में विंबलडन 2025 की शुरुआत हो चुकी है, जहां भारत की उम्मीदें पुरुष डबल्स में टिकी हैं। सुमित नागल इस बार सिंगल्स में क्वालिफाई नहीं कर सके, जबकि रोहन बोपन्ना, युकी भांबरी, ऋत्विक बोळिपल्ली और एन श्रीराम बालाजी डबल्स में चुनौती पेश करेंगे। क्या ये खिलाड़ी विंबलडन के इतिहास में भारत का नाम रोशन कर पाएंगे? जानें पूरी कहानी में।
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Wimbledon 2025 की शुरुआत: भारत की उम्मीदें पुरुष डबल्स में

विंबलडन 2025 का आगाज

लंदन के ऑल इंग्लैंड क्लब में आज से विंबलडन 2025 की शुरुआत हो गई है। टेनिस प्रेमियों की नजरें एक बार फिर उन सितारों पर हैं जो कोर्ट पर अपना जादू बिखेरने के लिए तैयार हैं, जैसे कि कार्लोस अल्कारेज, यानिक सिनर और नोवाक जोकोविच। खासकर जोकोविच इस बार अपने 25वें ग्रैंड स्लैम खिताब की तलाश में हैं, जबकि अल्कारेज और सिनर की भिड़ंत फ्रेंच ओपन के बाद एक बार फिर से रोमांचक मुकाबले की उम्मीद जगा रही है.


भारत की उम्मीदें पुरुष डबल्स में

जहां दुनिया के शीर्ष खिलाड़ी सिंगल्स में अपनी प्रतिभा दिखाएंगे, वहीं भारत की उम्मीदें इस बार पुरुष डबल्स पर टिकी हैं। भारत के चार खिलाड़ी इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में भाग ले रहे हैं, लेकिन एकल वर्ग में कोई भारतीय खिलाड़ी नहीं है.


सुमित नागल का सिंगल्स में नाकाम होना

सुमित नागल सिंगल्स क्वालिफाई करने में नाकाम


इस बार भारत के सुमित नागल पुरुष सिंगल्स वर्ग के लिए क्वालिफाई नहीं कर सके। पिछले साल, वे भारत के एकमात्र सिंगल्स खिलाड़ी थे, लेकिन इस बार भारत की चुनौती पूरी तरह डबल्स में केंद्रित है। विंबलडन 2025 में भारत के चार खिलाड़ी पुरुष युगल मुकाबलों में भाग लेंगे:


रोहन बोपन्ना: अनुभवी खिलाड़ी और दो बार के ग्रैंड स्लैम विजेता रोहन बोपन्ना बेल्जियम के सांडर गिले के साथ उतरेंगे। यह जोड़ी अनसीडेड है और उनका पहला मुकाबला 2 जुलाई (बुधवार) को तीसरी वरीयता प्राप्त टिम पुट्ज़ और केविन क्राविएट्ज़ से होगा.


युकी भांबरी: इस बार युकी भांबरी भारत के इकलौते वरीयता प्राप्त खिलाड़ी हैं। वे अमेरिका के रॉबर्ट गैलोवे के साथ मिलकर डबल्स खेलेंगे। इनका पहला मुकाबला फ्रांस और मोनाको के खिलाड़ी मैनुएल गिनार्ड और रोमैनी अर्नियोडो से 2 जुलाई को होगा.


ऋत्विक बोळिपल्ली और एन श्रीराम बालाजी: ये दोनों खिलाड़ी अपने-अपने विदेशी साथियों के साथ उतरेंगे। ऋत्विक, रोमानिया के निकोलस बैरिएंटोस के साथ जबकि श्रीराम, मेक्सिको के मिगुएल रेयेस वरेला के साथ कोर्ट में नजर आएंगे.


विंबलडन के इतिहास में भारतीय खिलाड़ियों की उपलब्धियां

केवल 3 भारतीय खिलाड़ी ही जीत सके हैं विंबलडन


विंबलडन के गौरवशाली इतिहास में अब तक सिर्फ तीन भारतीय खिलाड़ियों ने खिताब अपने नाम किया है- लिएंडर पेस, महेश भूपति और सानिया मिर्ज़ा। अब देखना यह होगा कि क्या भारत के ये चार नए दावेदार इस सूची में अपना नाम दर्ज करवा पाएंगे या नहीं। भले ही सिंगल्स में भारत की कोई चुनौती नहीं है, लेकिन डबल्स में इन चार खिलाड़ियों से उम्मीदें बंधी हैं.