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अंशुल कंबोज का मैनचेस्टर टेस्ट में चयन, धोनी और गंभीर का योगदान

अंशुल कंबोज, हरियाणा के उभरते ऑलराउंडर, को मैनचेस्टर टेस्ट के लिए टीम इंडिया में शामिल किया गया है। चोटों के कारण टीम में बदलाव के बीच, धोनी और गंभीर की महत्वपूर्ण भूमिका ने उन्हें यह अवसर प्रदान किया। जानें उनके क्रिकेट करियर की उपलब्धियों और कैसे यह मौका उनके लिए एक नया अध्याय बन सकता है।
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अंशुल कंबोज का मैनचेस्टर टेस्ट में चयन, धोनी और गंभीर का योगदान

टीम इंडिया में नया चेहरा

अंशुल कंबोज का मैनचेस्टर टेस्ट में चयन, धोनी और गंभीर का योगदान

टीम इंडिया: क्रिकेट की दुनिया में अक्सर कहा जाता है, "एक की चोट, दूसरे का मौका"। जब यह मौका किसी मेहनती खिलाड़ी को मिलता है, तो वह खेल की दिशा बदल सकता है। हरियाणा के एक उभरते ऑलराउंडर के साथ भी ऐसा ही हुआ है। लंबे समय तक घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बावजूद, टीम इंडिया की सीनियर जर्सी उनके लिए एक सपना बनी रही।

हालांकि, अब चोटों से जूझ रही टीम इंडिया में उन्हें अचानक मैनचेस्टर टेस्ट के लिए स्क्वॉड में शामिल किया गया है। इस मौके में महेंद्र सिंह धोनी और गौतम गंभीर की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है, जो आमतौर पर एक-दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं। आइए जानते हैं वह खिलाड़ी कौन है।


अंशुल कंबोज का मैनचेस्टर टेस्ट में चयन

अंशुल कंबोज खेल सकते हैं मैनचेस्टर टेस्ट

अंशुल कंबोज का मैनचेस्टर टेस्ट में चयन, धोनी और गंभीर का योगदानहम जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं, वह अंशुल कंबोज हैं। उन्हें अचानक मैनचेस्टर टेस्ट के लिए स्क्वॉड में शामिल होने का प्रस्ताव मिला है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। अंशुल ने 2022 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में कदम रखा, लेकिन उनका असली प्रदर्शन व्हाइट-बॉल क्रिकेट में देखने को मिला।

सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उन्होंने सात मैचों में सात विकेट और विजय हजारे ट्रॉफी में 10 मैचों में 17 विकेट लेकर हरियाणा की खिताबी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद वह चयनकर्ताओं की नजर में आए। 2024 में अंशुल ने रणजी ट्रॉफी में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।

उन्होंने केरल के खिलाफ एक पारी में सभी 10 विकेट लेकर भारत के तीसरे गेंदबाज बनने का गौरव प्राप्त किया। इससे पहले यह कारनामा प्रेमांग्सु चटर्जी (1956-57) और प्रदीप सोमसुंदरम (1985-86) ही कर पाए थे।


धोनी और गंभीर के बीच का संबंध

धोनी और गंभीर के बीच 36 का आंकड़ा

क्रिकेट प्रशंसकों के बीच यह धारणा रही है कि गौतम गंभीर और एमएस धोनी के बीच मतभेद हैं। 2011 वर्ल्ड कप फाइनल में गंभीर की 97 रनों की पारी को मीडिया में नजरअंदाज कर धोनी के फिनिश को ज्यादा महत्व दिया गया, जिससे यह टकराव और बढ़ा। लेकिन इस बार इन दोनों दिग्गजों का संयुक्त प्रभाव एक उभरते खिलाड़ी के लिए वरदान बन गया।

गंभीर, जो इस समय भारतीय टीम के मुख्य रणनीतिकार हैं, अंशुल कंबोज को घरेलू सर्किट से अच्छी तरह जानते हैं। वहीं, अंशुल का धोनी के साथ संबंध झारखंड प्रीमियर लीग और चेन्नई सुपर किंग्स के ट्रायल कैंप से जुड़ता है, जहां धोनी ने उनकी गेंदबाजी की तारीफ की थी। यही दो ध्रुव अब अंशुल को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने में सहायक बन गए हैं।


चोटों का असर

अर्शदीप और आकाशदीप की चोट से खुला दरवाज़ा

मैनचेस्टर टेस्ट से पहले भारतीय टीम को दो बड़े झटके लगे। पहले आकाशदीप चोट के कारण बाहर हुए और फिर अर्शदीप सिंह भी इसी सूची में शामिल हो गए। ऐसे में अंशुल कंबोज, जो पहले आकाशदीप के बैकअप के तौर पर टीम के साथ जुड़े थे, अब लगभग प्लेइंग XI का हिस्सा बनते दिख रहे हैं।