Newzfatafatlogo

अमित मिश्रा ने धोनी की कप्तानी पर अपनी राय साझा की

अमित मिश्रा ने हाल ही में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी पर अपनी राय व्यक्त की, जिसमें उन्होंने कहा कि धोनी ने उनके करियर को कभी नुकसान नहीं पहुंचाया। मिश्रा ने बताया कि कैसे धोनी के समर्थन ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी का मौका दिया। उन्होंने अपने करियर के उतार-चढ़ाव और एक यादगार मुकाबले का भी जिक्र किया, जिसमें धोनी की सलाह ने मैच का रुख बदल दिया। इस लेख में मिश्रा के क्रिकेट करियर और धोनी के साथ उनके अनुभवों पर चर्चा की गई है।
 | 
अमित मिश्रा ने धोनी की कप्तानी पर अपनी राय साझा की

अमित मिश्रा का बयान

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के पूर्व लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने हाल ही में उन चर्चाओं पर अपनी स्पष्ट राय दी है, जिनमें कहा जाता है कि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी ने उनके करियर को प्रभावित किया। मिश्रा ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि धोनी ने कभी उनके करियर को नुकसान नहीं पहुंचाया, बल्कि कई बार उनका समर्थन किया और उन पर विश्वास जताया।


धोनी का समर्थन

अमित मिश्रा को धोनी ने किया सपोर्ट

एक पॉडकास्ट में चर्चा करते हुए, मिश्रा ने बताया कि लोग अक्सर उनसे कहते हैं कि अगर एमएस धोनी कप्तान नहीं होते, तो उन्हें अधिक मौके मिलते। लेकिन मिश्रा का मानना है कि यह विचार अधूरा है। उन्होंने कहा कि यदि धोनी कप्तान नहीं होते, तो शायद उन्हें टीम में खेलने का मौका ही नहीं मिलता। धोनी के नेतृत्व में ही उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी का अवसर मिला और खुद को साबित करने का मंच भी मिला।


खिलाड़ी का सफर

'खिलाड़ी का सफर उतार-चढ़ाव से भरा होता है'

मिश्रा ने कहा कि क्रिकेट में हर खिलाड़ी का सफर उतार-चढ़ाव से भरा होता है। कभी मौका मिलता है, कभी बाहर बैठना पड़ता है। ऐसे समय में कप्तान का भरोसा बहुत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि धोनी ने हमेशा खिलाड़ियों को खुलकर खेलने की आजादी दी और कठिन समय में उनका मनोबल बढ़ाया। यही कारण है कि कई खिलाड़ी धोनी की कप्तानी में निखरकर सामने आए।


अंतरराष्ट्रीय करियर

साल 2003 में किया था डेब्यू

अमित मिश्रा ने 2003 में वनडे क्रिकेट में पदार्पण किया। इसके बाद 2008 में टेस्ट क्रिकेट और 2010 में टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का अवसर मिला। अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में उन्होंने 22 टेस्ट, 36 वनडे और 10 टी-20 मैच खेले। इन मुकाबलों में उन्होंने क्रमशः 76, 64 और 16 विकेट हासिल किए। भले ही उनका करियर लंबा नहीं रहा, लेकिन जब भी उन्हें मौका मिला, उन्होंने टीम के लिए योगदान देने की कोशिश की।


यादगार मुकाबला

'ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है'

मिश्रा ने एक खास मुकाबले का जिक्र किया, जो उनके लिए हमेशा यादगार रहेगा। यह मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ था, जो उनका अंतिम वनडे मुकाबला साबित हुआ। उस मैच में धोनी कप्तान थे। मिश्रा ने बताया कि शुरुआत में वह अपनी सामान्य गेंदबाजी नहीं कर पा रहे थे और सिर्फ रन रोकने पर ध्यान दे रहे थे। तभी धोनी उनके पास आए और सरल शब्दों में कहा कि ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है, बस अपनी प्राकृतिक गेंदबाजी करो।


मैच का प्रभाव

मैच का रुख बदल दिया

धोनी की इस सलाह का असर दिखा। मिश्रा ने अपनी लय वापस पाई और शानदार गेंदबाजी करते हुए पांच विकेट झटके। उन्होंने उस मैच में 18 रन देकर 5 विकेट लिए, जो उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन माना जाता है। मिश्रा ने कहा कि धोनी का भरोसा और सही समय पर दी गई सलाह ने उस मैच का रुख बदल दिया।


आईपीएल में सफलता

आईपीएल में 174 विकेट लिए

अमित मिश्रा ने सितंबर 2025 में क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया। आईपीएल में उनका सफर भी शानदार रहा, जहां उन्होंने 162 मैचों में 174 विकेट लिए और तीन बार हैट्रिक भी ली। मिश्रा का मानना है कि एमएस धोनी भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल और समझदार कप्तानों में से एक रहे हैं, जिनकी कप्तानी में कई खिलाड़ियों का करियर संवरा और उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिला।