Newzfatafatlogo

ईशान किशन की क्रिकेट में शानदार वापसी: क्या टीम इंडिया में मिलेगी जगह?

ईशान किशन की क्रिकेट में वापसी एक प्रेरणादायक कहानी है। व्यक्तिगत कारणों से ब्रेक लेने के बाद, उन्होंने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में झारखंड को जीत दिलाई। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और कप्तानी के अनुभव ने उन्हें फिर से चर्चा में ला दिया है। क्या टीम इंडिया उन्हें स्थायी स्थान देगी? जानें उनकी कहानी और क्रिकेट में नई उम्मीदें।
 | 
ईशान किशन की क्रिकेट में शानदार वापसी: क्या टीम इंडिया में मिलेगी जगह?

क्रिकेट में वापसी की चुनौतियाँ


क्रिकेट की दुनिया में लौटना हमेशा आसान नहीं होता, विशेषकर तब जब आप टीम के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक रहे हों और अचानक बाहर हो जाएं। भारतीय बल्लेबाज ईशान किशन के साथ भी ऐसा ही हुआ। 2023 के अंत में व्यक्तिगत कारणों से उन्होंने क्रिकेट से ब्रेक लिया, जिसके बाद उनका सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट भी समाप्त हो गया। एक समय वह सफेद गेंद के क्रिकेट में ऋषभ पंत के बाद दूसरे नंबर पर थे, लेकिन हालात ने सब कुछ बदल दिया।


खामोशी और घरेलू क्रिकेट

ब्रेक के बाद ईशान ने चुप्पी साध ली। न कोई बयान, न कोई बहाना, बस घरेलू क्रिकेट में खेलते रहे। रणजी, विजय हजारे और अन्य टूर्नामेंट में उन्होंने रन बनाए, लेकिन टीम इंडिया की नजरों से दूर हो गए। इस दौरान लोग सोचने लगे कि क्या उनका अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म हो गया। चयनकर्ता नए खिलाड़ियों की ओर बढ़ चुके थे। इस कठिन समय में ईशान ने खुद को मजबूत किया और मानसिक रूप से तैयार हुए।


सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन

दिसंबर 2025 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी ने सब कुछ बदल दिया। ईशान ने झारखंड की कप्तानी की और टीम को पहला खिताब दिलाया। उन्होंने सबसे ज्यादा रन बनाए और उनका स्ट्राइक रेट 197 से ऊपर रहा। हर मैच में उनकी आक्रामक बल्लेबाजी ने साबित किया कि वह अभी भी खेल के लिए तैयार हैं। कप्तान के रूप में उन्होंने साहसी फैसले लिए और खिलाड़ियों को खुलकर खेलने की आजादी दी।


मानसिक मजबूती का उदाहरण

ईशान की यह वापसी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने हार नहीं मानी। असफलताओं से डरने के बजाय, उन्होंने उनका सामना किया और घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। उनके कोच और साथी बताते हैं कि अब वह पहले से अधिक परिपक्व हो चुके हैं। जीवन की चुनौतियों ने उन्हें सिखाया है कि दबाव में कैसे खड़ा रहना चाहिए। IPL की चर्चाओं के बीच उन्होंने घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता दी और साबित किया कि वह अभी भी तैयार हैं।


टीम इंडिया में स्थान की संभावनाएँ

अब सवाल यह है कि क्या टीम इंडिया उन्हें स्थायी स्थान देगी? सफेद गेंद के क्रिकेट में विकेटकीपर-बल्लेबाज की आवश्यकता है। ईशान की फॉर्म को देखकर चयनकर्ता सोचने पर मजबूर होंगे। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी और कप्तानी का अनुभव टीम के लिए फायदेमंद हो सकता है।


यह वापसी केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पूरे क्रिकेट सिस्टम के लिए एक संदेश है कि प्रतिभा को अवसर मिलना चाहिए। ईशान की कहानी यह सिखाती है कि खामोशी में भी मेहनत जारी रखो, तो एक दिन सफलता अवश्य मिलेगी।