ईशान किशन ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 के फाइनल में रचा इतिहास
ईशान किशन का शानदार प्रदर्शन
पुणे: सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 का फाइनल झारखंड और हरियाणा के बीच महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में आयोजित किया गया। इस मैच में झारखंड के कप्तान ईशान किशन ने अपने अद्भुत खेल से सभी का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने तेज़ी से बल्लेबाजी करते हुए शतक बनाया और एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया। ईशान किशन फाइनल में शतक बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज बने, साथ ही इस टूर्नामेंट के फाइनल में शतक लगाने वाले पहले कप्तान भी बन गए।
ईशान किशन की आक्रामक बल्लेबाजी
हरियाणा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। झारखंड की शुरुआत थोड़ी कमजोर रही, और टीम को पहला झटका महज तीन रन पर विराट सिंह के रूप में लगा। इसके बाद कप्तान ईशान किशन और कुमार कुशाग्र ने मिलकर टीम को मजबूती प्रदान की।
Leading from the front! 🫡
— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) December 18, 2025
Ishan Kishan with a magnificent hundred in the #SMAT final 💯
The Jharkhand captain walks back for 1⃣0⃣1⃣(49) 👏
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45 गेंदों में शतक
ईशान किशन ने बेहद आक्रामक खेल का प्रदर्शन करते हुए केवल 45 गेंदों में शतक पूरा किया। इस दौरान उन्होंने 6 चौके और 10 छक्के लगाए। उनकी इस पारी ने झारखंड को संकट से बाहर निकाला और फाइनल में एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया। ईशान किशन अब अनमोलप्रीत सिंह के बाद फाइनल में शतक बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज बन गए, जबकि तिहरे अंक का आंकड़ा छूने वाले पहले कप्तान बने।
177 रनों की साझेदारी
ईशान किशन और कुमार कुशाग्र ने दूसरे विकेट के लिए 177 रनों की शानदार साझेदारी की। यह टूर्नामेंट के फाइनल में सबसे बड़ी साझेदारी है। किशन ने 49 गेंदों में 101 रन बनाए और सुमित कुमार का शिकार बने। कुमार कुशाग्र ने 38 गेंदों में 81 रन की पारी खेली, जिसमें 8 चौके और 5 छक्के शामिल थे।
ईशान किशन का रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 में ईशान किशन सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। उन्होंने 10 पारियों में कुल 517 रन बनाए, जिसमें उनका औसत 57.44 और स्ट्राइक रेट 197.32 रहा। इस दौरान उन्होंने 2 शतक और 2 अर्धशतक बनाए और कुल 33 छक्के व 51 चौके जड़े। ईशान किशन ने एक सीजन में सबसे अधिक छक्कों का रिकॉर्ड भी तोड़ा, जिससे उनका प्रदर्शन और भी यादगार बन गया। उनकी यह शानदार पारी और कप्तानी झारखंड के लिए फाइनल में महत्वपूर्ण साबित हुई और उन्हें क्रिकेट प्रेमियों के बीच विशेष पहचान दिलाई।
