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ऑनलाइन गेमिंग विधेयक पर वकीलों की प्रशंसा

फरीदाबाद में वकीलों ने ऑनलाइन गेमिंग विधेयक के संसद में पारित होने पर अपनी प्रशंसा व्यक्त की। वरिष्ठ अधिवक्ता शिवदत्त वशिष्ठ ने कहा कि यह विधेयक युवा पीढ़ी को ऑनलाइन गेमिंग की लत से बचाने के लिए आवश्यक है। वर्तमान में लगभग 45 करोड़ लोग इस लत के शिकार हैं, जिससे समाज में गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। जानें इस विधेयक के पारित होने के बाद क्या बदलाव आएंगे और इसके पीछे की कहानी।
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ऑनलाइन गेमिंग विधेयक पर वकीलों की प्रशंसा

ऑनलाइन गेमिंग विधेयक पर वकीलों की प्रशंसा


फरीदाबाद। वकीलों ने ऑनलाइन गेमिंग विधेयक के संसद में पारित होने पर अपनी खुशी व्यक्त की। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता शिवदत्त वशिष्ठ ने कहा कि विपक्ष केवल राजनीतिक लाभ के लिए काम कर रहा है और युवाओं के हितों की चिंता नहीं कर रहा है। वर्तमान में लगभग 45 करोड़ लोग ऑनलाइन गेमिंग के आदी हो चुके हैं।


ऑनलाइन गेमिंग की लत का प्रभाव

मध्यम वर्ग को इस लत के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा है। यह विधेयक युवा पीढ़ी को ऑनलाइन मनी गेमिंग की लत से बचाने के लिए लाया गया है। ऑनलाइन गेमिंग पर यह कानून कई साल पहले आ जाना चाहिए था। इस लत के कारण मध्य वर्ग को 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कई लोग आत्महत्या कर चुके हैं, जिससे कई परिवार बर्बाद हो गए हैं।


कानून बनने के बाद सुधार की उम्मीद

एक युवक ने ऑनलाइन गेमिंग में अपनी मां के कैंसर के इलाज के लिए रखे पैसे गंवाने के बाद आत्महत्या कर ली। ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में भी वृद्धि हुई है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून लागू हो जाएगा, जिससे युवा पीढ़ी में सुधार की उम्मीद है।


इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता सतीश चौहान, प्रदीप शांडिल्य, महेन्द्र चौधरी, शरद शर्मा, भारत पुजारी, भीम सैन पुजारी, भूपेन्द्र दत्ता, विजय यादव, प्रदीप सिद्धू, कुलदीप जोशी, कमल दलाल, आफाक खान, हरदीप बेसोया, सागर नागर, धीरज, इंजीनियर अनूप वशिष्ठ, दिव्या यादव, भारती सहित अन्य अधिवक्ता भी उपस्थित थे।