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ओबैदुल्ला कप हॉकी टूर्नामेंट के पुनरुद्धार में बाधाएं, असलम शेर खान की चिंता

भारत के पूर्व हॉकी ओलंपियन असलम शेर खान ने ओबैदुल्ला कप हॉकी टूर्नामेंट के पुनरुद्धार में आ रही बाधाओं पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह टूर्नामेंट भारतीय हॉकी के गौरवमयी अतीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे फिर से शुरू किया जाना चाहिए। असलम ने अधिकारियों से संपर्क किया है, लेकिन पुनरुद्धार में देरी हो रही है। जानें इस ऐतिहासिक टूर्नामेंट का महत्व और खिलाड़ियों के लिए इसके संभावित लाभ।
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ओबैदुल्ला कप का महत्व

भारत के पूर्व हॉकी ओलंपियन और विश्व कप विजेता असलम शेर खान, ओबैदुल्ला कप हॉकी टूर्नामेंट के पुनरुद्धार में आ रही बाधाओं से बेहद निराश हैं। उनका मानना है कि यह टूर्नामेंट भारतीय हॉकी के गौरवमयी अतीत का एक अभिन्न हिस्सा है और इसे पुनर्जीवित किया जाना चाहिए।


ओबैदुल्ला गोल्ड कप, भारत के सबसे प्राचीन और ऐतिहासिक हॉकी टूर्नामेंटों में से एक है, जिसका भोपाल से गहरा संबंध है। इसने वर्षों तक देश में हॉकी प्रतिभाओं को विकसित करने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।


असलम शेर खान ने कहा कि उन्होंने इस टूर्नामेंट को फिर से शुरू करने के लिए कई प्रयास किए हैं और विभिन्न अधिकारियों से संपर्क किया है। वह इस बात से चिंतित हैं कि टूर्नामेंट के पुनरुद्धार में लगातार देरी हो रही है, जबकि यह खिलाड़ियों और प्रशंसकों दोनों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।


यह निराशा इस बात को दर्शाती है कि दिग्गज खिलाड़ी अपने खेल की विरासत को जीवित रखने और युवा प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करने के लिए कितने उत्सुक हैं। हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल है और ऐसे ऐतिहासिक टूर्नामेंटों का पुनरुद्धार निश्चित रूप से खेल के विकास में सहायक होगा।