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कपिल देव का गौतम गंभीर पर बयान: कोचिंग की नई परिभाषा

कपिल देव ने भारतीय क्रिकेट में कोच की भूमिका पर अपनी राय व्यक्त की है, खासकर गौतम गंभीर की कोचिंग के संदर्भ में। उन्होंने कहा कि आज के क्रिकेट में कोच का कार्य तकनीकी प्रशिक्षण से अधिक खिलाड़ियों का प्रबंधन करना है। कपिल ने यह भी बताया कि कैसे एक कोच को खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य और टीम के माहौल पर ध्यान देना चाहिए। उनके अनुसार, असली नेतृत्व टीम को एकजुट रखना और खिलाड़ियों में विश्वास पैदा करना है। जानें कपिल देव के विचारों के पीछे की गहराई।
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कपिल देव का गौतम गंभीर पर बयान: कोचिंग की नई परिभाषा

कपिल देव की कोचिंग पर नई दृष्टि


नई दिल्ली: 1983 में भारत को पहला वर्ल्ड कप दिलाने वाले पूर्व कप्तान कपिल देव ने भारतीय क्रिकेट में कोच की भूमिका पर अपनी स्पष्ट राय व्यक्त की है। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 0-2 से टेस्ट सीरीज हारने के बाद हेड कोच गौतम गंभीर की कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कपिल देव ने कहा कि आज के क्रिकेट में हेड कोच का मुख्य कार्य तकनीकी प्रशिक्षण से अधिक खिलाड़ियों का प्रबंधन और सही माहौल तैयार करना है।


गौतम गंभीर की कोचिंग पर उठते सवाल

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हार के बाद गौतम गंभीर को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। टीम चयन, बार-बार बदलाव और पार्ट-टाइम गेंदबाजों के उपयोग पर विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों ने सवाल उठाए हैं। इस संदर्भ में कपिल देव ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के ICC शताब्दी सत्र में संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।


'कोच' शब्द का नया अर्थ

कपिल देव का मानना है कि आज के समय में 'कोच' शब्द का अर्थ बदल गया है। उन्होंने कहा कि इस शब्द का उपयोग अब बहुत हल्के में किया जाता है। गौतम गंभीर पारंपरिक अर्थों में कोच नहीं हो सकते, बल्कि वे एक प्रबंधक की भूमिका निभाते हैं। उन्होंने अपने शुरुआती क्रिकेट दिनों को याद करते हुए कहा कि असली कोच वे थे जिन्होंने उन्हें स्कूल और कॉलेज स्तर पर क्रिकेट की बुनियाद सिखाई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ी पहले से ही विशेषज्ञ होते हैं, इसलिए उन्हें तकनीकी कोचिंग की आवश्यकता कम होती है।


अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तकनीकी कोचिंग की सीमाएं

कपिल ने यह सवाल उठाया कि जब कोई खिलाड़ी पहले से ही लेग स्पिनर, फास्ट बॉलर या विकेटकीपर है, तो हेड कोच उसे तकनीकी रूप से क्या सिखा सकता है। उन्होंने कहा कि गौतम गंभीर किसी लेग स्पिनर या विकेटकीपर को तकनीक कैसे सिखा सकते हैं? उनके अनुसार, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कोच का असली कार्य खिलाड़ियों की मानसिक स्थिति, आत्मविश्वास और टीम के माहौल को संभालना होता है।


प्लेयर मैनेजमेंट की अहमियत

कपिल देव ने जोर देकर कहा कि आज के क्रिकेट में प्लेयर मैनेजमेंट सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने कहा कि एक प्रबंधक के रूप में आपको खिलाड़ियों को प्रेरित करना होता है और उन्हें यह एहसास दिलाना होता है कि वे बेहतर कर सकते हैं। युवा खिलाड़ी आपको देखकर सीखते हैं। उनका मानना है कि कोच और कप्तान का मुख्य कार्य खिलाड़ियों को विश्वास दिलाना और उनके चारों ओर सकारात्मक माहौल बनाना है।


खराब फॉर्म वाले खिलाड़ियों पर ध्यान

अपनी कप्तानी के अनुभव को साझा करते हुए कपिल देव ने बताया कि वे हमेशा उन खिलाड़ियों के साथ समय बिताते थे जो फॉर्म में नहीं थे। उन्होंने कहा कि अगर कोई खिलाड़ी शतक बनाता है, तो उसके साथ डिनर करने की आवश्यकता नहीं होती। उन्हें उन खिलाड़ियों के साथ बैठना पसंद था जो संघर्ष कर रहे होते थे। उनके अनुसार, टीम की सफलता के लिए जरूरी है कि कमजोर कड़ी को मजबूत किया जाए, न कि केवल स्टार खिलाड़ियों पर ध्यान दिया जाए।


टीम को एकजुट रखना असली नेतृत्व

कपिल देव ने अंत में कहा कि कप्तान या कोच की भूमिका केवल अपने प्रदर्शन तक सीमित नहीं होती। उनका कार्य टीम को एकजुट रखना और खिलाड़ियों में विश्वास पैदा करना है। यही असली नेतृत्व है।