कम उम्र में घुटनों के दर्द के कारण और रोकथाम के उपाय

कम उम्र में घुटनों के दर्द के कारण: चौंकाने वाले तथ्य और रोकथाम के तरीके
नई दिल्ली | घुटनों का दर्द अब केवल वृद्ध लोगों की समस्या नहीं रह गई है। पहले इसे बुढ़ापे की बीमारी माना जाता था, लेकिन अब यह युवा पीढ़ी को भी प्रभावित कर रहा है। फिनलैंड की ओलु यूनिवर्सिटी द्वारा की गई एक हालिया अध्ययन में यह पाया गया है कि 30 वर्ष की आयु के बाद लोगों में घुटनों के दर्द की शिकायतें बढ़ रही हैं।
इसकी शुरुआत हल्के कार्टिलेज दोष और छोटी हड्डियों की समस्याओं के रूप में होती है। आइए जानते हैं कि कम उम्र में घुटनों के दर्द के क्या कारण हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
घुटनों में दर्द के कारण
अधिक वजन
शोध से पता चलता है कि कम उम्र में घुटनों के दर्द का मुख्य कारण बढ़ता वजन है। अधिक वजन घुटनों पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे कार्टिलेज का घिसाव होता है और धीरे-धीरे दर्द उत्पन्न होता है।
कमजोर मांसपेशियां
आजकल, लोगों की कुछ आवश्यक मांसपेशियां, जैसे कि क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग्स और काफ, कमजोर हो रही हैं। यदि ये मांसपेशियां कमजोर हैं, तो घुटनों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे दर्द की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
लंबे समय तक बैठना
ऑफिस में लंबे समय तक बैठना और कम चलना-फिरना भी घुटनों के दर्द का एक बड़ा कारण है। यह न केवल मोटापे को बढ़ाता है, बल्कि घुटनों की गति को भी कम करता है, जिससे दर्द होने लगता है।
घुटनों के दर्द से बचाव के उपाय
घुटनों को स्वस्थ रखने के लिए सबसे पहले अपने वजन को नियंत्रित करें। इसके अलावा, पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए लोअर बॉडी एक्सरसाइज करें। हर घंटे 5 मिनट की छोटी वॉक जोड़ों को आराम देती है। साथ ही, आरामदायक जूते पहनें और ऊँची एड़ी वाले जूतों से बचें।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दिए गए सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी फिटनेस प्रोग्राम को शुरू करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।