करुण नायर का निराशाजनक प्रदर्शन, गिल और गंभीर की जिद पर खेल रहे हैं टेस्ट मैच

टीम इंडिया में जगह बनाने का सपना

करुण नायर: भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने का सपना हर खिलाड़ी का होता है, लेकिन कुछ ही खिलाड़ी इस सपने को साकार कर पाते हैं। कई खिलाड़ी केवल घरेलू क्रिकेट तक सीमित रह जाते हैं। हालांकि, कुछ को कप्तान और कोच का समर्थन मिलता है, जिससे वे बिना अच्छे प्रदर्शन के भी टीम में जगह बना लेते हैं। इंग्लैंड टेस्ट श्रृंखला में एक ऐसा ही खिलाड़ी है, जिसे गंभीर और गिल के समर्थन से शुरुआती तीन मैचों में खेलने का मौका मिला, लेकिन उसका प्रदर्शन बेहद खराब रहा है।
नायर का प्रदर्शन निराशाजनक
यह खिलाड़ी कोई और नहीं, बल्कि करुण नायर हैं, जो 8 साल बाद टीम इंडिया में वापसी कर रहे हैं। उन्हें आखिरी बार 2017 में मौका मिला था, लेकिन खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह अपनी वापसी पर कोई खास छाप नहीं छोड़ पाए हैं।
इस श्रृंखला में नायर एक बार भी 40 रन के पार नहीं जा सके हैं, जबकि विकेट सपाट हैं। इसके बावजूद, वह अर्धशतक भी नहीं बना पाए हैं।
गिल और गंभीर का समर्थन
नायर ने घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन वह उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं दोहरा पा रहे हैं। कप्तान गिल और कोच गंभीर उन्हें लगातार समर्थन दे रहे हैं। पहले मैच में उन्हें मिडिल ऑर्डर में खिलाया गया था, लेकिन वह असफल रहे। इसके बाद उन्हें नंबर 3 पर खेलने का मौका दिया गया, लेकिन वह अपने चयन को सही साबित नहीं कर पा रहे हैं।
तिहरे शतक का प्रभाव
नायर ने इस श्रृंखला में 3 मैचों में 5 पारियों में 23.40 की औसत से 117 रन बनाए हैं, जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 40 रन है। करुण नायर ने अपने करियर में केवल एक बार 40 रन के पार पहुंचे हैं, जब उन्होंने 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक बनाया था।
उसी तिहरे शतक के आधार पर उन्हें कई मौके मिले हैं। उनके प्रदर्शन को देखकर यह कहावत सही लगती है, 'कभी-कभी अंधे के हाथ बटेर लग जाता है।' नायर के करियर में उस तिहरे शतक से पहले और बाद में कुछ खास नहीं है।
नायर का साधारण अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन
अगर हम करुण नायर के टेस्ट प्रदर्शन पर नजर डालें, तो वह अच्छा लगता है क्योंकि उसमें तिहरा शतक शामिल है। नायर ने भारत के लिए 8 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 45 की औसत से 451 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक शामिल है। लेकिन अगर उनके करियर से 303 रन हटा दिए जाएं, तो उनकी औसत 14.8 रह जाती है, जो किसी टेलेंडर के स्तर की है।